हृदय रोग अक्सर अचानक होने वाली आपात स्थिति जैसे दिल का दौरा या स्ट्रोक के रूप में सामने आता है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि हमारी रोज़मर्रा की आदतें ही हृदय स्वास्थ्य को चुपके से नुकसान पहुंचा सकती हैं. नमक का अत्यधिक सेवन, नींद की कमी, और स्क्रीन टाइम से लेकर अनियमित भोजन तक, ये आदतें किसी भी उम्र या लिंग के व्यक्ति के लिए खतरा बन सकती हैं.
गलत धारणाओं का खंडन
खराड़ी के अपोलो क्लिनिक में कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विक्रांत खेसे ने हेल्थ शॉट्स को बताया, “यह आम धारणा है कि हृदय रोग केवल बुजुर्गों या अस्वस्थ दिखने वालों को होता है. वास्तव में, हृदय रोग वर्षों में जमा हो सकता है, यहां तक कि युवा, पतले या स्वस्थ दिखने वाले लोगों में भी. आनुवंशिकता, तनाव और जीवनशैली इसके कारक हैं और रोकथाम ही इसका समाधान है.” डॉ. नितिन बोते, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट, के.जे. सोमैया हॉस्पिटल, ने कहा, “हम युवा मरीजों, विशेषकर महिलाओं में, हृदय रोग के शुरुआती लक्षण देख रहे हैं, जो तनाव, जीवनशैली और हार्मोनल बदलावों से उत्पन्न हो रहे हैं. यह धारणा गलत है कि दवाएं लेने से जीवनशैली बदलने की जरूरत नहीं.”
हृदय को नुकसान पहुंचाने वाली आदतें
नींद की कमी: लगातार कम नींद तनाव हार्मोन और रक्तचाप बढ़ाती है, जिससे हृदय पर दबाव पड़ता है.
अधिक स्क्रीन टाइम: लंबे समय तक फोन या टीवी देखने से गतिहीन जीवनशैली बढ़ती है, जो मोटापे और हृदय रोग का खतरा बढ़ाती है.
देर रात नाश्ता: यह चयापचय को बिगाड़ता है और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है.
अनियमित भोजन: डॉ. बोते के अनुसार, भोजन छोड़ने या अनियमित खाने से इंसुलिन स्तर प्रभावित होता है.
अत्यधिक नमक: डॉ. खेसे कहते हैं, “नमक का नियमित अत्यधिक सेवन रक्त में सोडियम बढ़ाता है, जिससे रक्त वाहिकाएं सूजती हैं, रक्तचाप बढ़ता है और हृदय पर जोर पड़ता है.” डॉ. बोते जोड़ते हैं, “ज्यादातर लोग अनुशंसित दैनिक सोडियम से दोगुना लेते हैं.”
चीनी और ट्रांस-फैट: शर्करायुक्त पेय, पैकेज्ड स्नैक्स और तले हुए खाद्य पदार्थ सूजन और अस्वास्थ्यकर कोलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं.
फाइबर और फलों की कमी: पोषक तत्वों की कमी हृदय की सुरक्षा को कमजोर करती है.
शारीरिक निष्क्रियता: गतिहीन जीवनशैली धमनियों में प्लाक बनाती है.
लगातार तनाव: यह रक्तचाप और हार्मोनल असंतुलन को बढ़ाता है.
नियमित जांच की अनदेखी: उच्च रक्तचाप या कोलेस्ट्रॉल का समय पर पता नहीं चल पाता.
हृदय स्वास्थ्य के लिए उपायडॉ. बोते कहते हैं, “हृदय रोग ज्यादातर मामलों में रोके जा सकते हैं. संतुलित आहार, शारीरिक गतिविधि, तनाव प्रबंधन और पर्याप्त नींद से हृदय को नुकसान से बचाया जा सकता है.” रोजाना 30 मिनट की सैर और नियमित स्वास्थ्य जांच, खासकर 30 की उम्र के बाद, हृदय रोग की रोकथाम में महत्वपूर्ण हैं.