तुर्की के जंगलों में पिछले कुछ हफ्तों से लगातार आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं. बुर्सा शहर के पास रविवार को आग इतनी फैल गई कि 1,700 से ज्यादा लोगों को गांवों से निकालना पड़ा. आग में अब तक 14 लोगों की जान जा चुकी है और 76 से ज्यादा जगहों पर आग बुझाने का काम जारी है. चिलचिलाती गर्मी, तेज़ हवाएं और सूखा मौसम आग को और भड़का रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रविवार तड़के बुर्सा शहर के पूर्वी इलाकों में जंगलों में भीषण आग भड़क गई. आग की लपटें इतनी तेज थीं कि पूरा इलाका लाल रोशनी से चमकने लगा. स्थानीय प्रशासन ने स्थिति को गंभीर मानते हुए 1,765 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला. आग को काबू में करने के लिए 1,100 से ज्यादा दमकलकर्मियों को तैनात किया गया. बुर्सा से अंकारा को जोड़ने वाला हाइवे भी आग के कारण बंद कर दिया गया.
बुर्सा के मेयर मुस्तफा बोज़बे ने पुष्टि की कि एक दमकलकर्मी की ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक से मौत हो गई. उन्होंने बताया कि आग ने अब तक लगभग 3,000 हेक्टेयर जंगल और खेतों को खाक कर दिया है. विपक्षी सांसद ओरहान सरीबाल ने हालात को “एक प्रलय” बताया. टीवी फुटेज में जले हुए खेत, राख में बदल चुके जंगल और खाली गांवों की तस्वीरें सामने आईं.
पिछले कुछ हफ्तों से देशभर में हर दिन दर्जनों जगह आग लग रही है. शनिवार को ही पूरे देश में 76 अलग-अलग स्थानों पर आग बुझाने का काम चल रहा था. सबसे ज्यादा खतरा अब भी उत्तर-पश्चिमी प्रांतों को है, खासकर कराबुक में, जहां मंगलवार से आग लगी हुई है. शुक्रवार को तुर्की के सर्नाक प्रांत में अब तक का सबसे अधिक तापमान 50.5°C दर्ज किया गया, जो आग को और भड़काने वाला कारक बन गया है. अब तक इस आग में 14 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 10 रेस्क्यू वॉलंटियर्स और वानिकी विभाग के कर्मचारी शामिल हैं.