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आपस में लड़कर खत्म हो जाएंगे मुसलमान, 2035 तक मिट जाएगा इस्लाम का वजूद! नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी कितनी सच्ची

Nostradamus Predictions on Islam: नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी केवल एक चेतावनी हो सकती है, जो मुस्लिम समुदाय के सामने आने वाली आंतरिक चुनौतियों की ओर इशारा करती है. नास्त्रेदमस द्वारा की गई भविष्यवाणियां हमेशा से चर्चा विषय रही हैं. ऐसे मेंं मुस्लिम समुदाय को लेकर की गई उनकी भविष्यवाणी ये सवाल खड़ी कर रही है कि क्या सच में 2035 तक इस्लाम खत्म हो जाएगा.

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Edited By: India Daily Live
Nostradamus Predictions on Islam
Courtesy: Social Media

Nostradamus Predictions on Islam: नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां सदियों से चर्चा में रही हैं. उनके द्वारा की गई कई भविष्यवाणियां सटीक साबित हुई हैं, जिन्होंने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा है. ऐसी ही एक भविष्यवाणी है जो इस्लाम और मुस्लिम समुदाय से जुड़ी है, और आज यह विषय पुनः चर्चा का केंद्र बन गया है. नास्त्रेदमस की इस भविष्यवाणी के अनुसार, मुस्लिम समुदाय में आंतरिक संघर्ष और विघटन के कारण भविष्य में उनका वजूद खतरे में पड़ सकता है.

नास्त्रेदमस की एक प्रसिद्ध भविष्यवाणी के अनुसार, मुस्लिम देशों के बीच गहरे आंतरिक संघर्ष उत्पन्न होंगे, जिससे मुस्लिम समुदाय में असंतोष और विघटन बढ़ सकता है. उनके अनुसार, 2035 तक इस्लामी देशों में ऐसा हालात बनेंगे कि उनके धर्म की प्रतिष्ठा और एकता धूमिल हो जाएगी. आज के संदर्भ में देखा जाए तो पाकिस्तान, अफगानिस्तान, और बांग्लादेश जैसे देशों में आंतरिक विवाद और अस्थिरता का माहौल स्पष्ट रूप से दिख रहा है. इन देशों में आतंकवाद और कट्टरपंथ के चलते लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है.

क्या नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां सच हो रही हैं?

यूरोप के कई देश, जैसे यूके और फ्रांस, ने इस्लामी चरमपंथ पर रोक लगाने के कड़े कदम उठाए हैं. हाल के वर्षों में, ईरान में बुर्का पहनने की अनिवार्यता के खिलाफ नागरिकों का विरोध प्रदर्शनों में बदल गया है, जो इस बात का संकेत है कि समाज में एक नई सोच का उदय हो रहा है. इसी तरह, इराक में लड़कियों की शादी की उम्र घटाने का प्रस्ताव भी विवाद का कारण बन गया है. इन घटनाओं से यह आभास होता है कि नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी किसी हद तक सही हो सकती है.

क्या सच में मिट जाएगा इस्लाम का वजूद?

नास्त्रेदमस ने यह भी कहा था कि चरमपंथी गतिविधियों के चलते इस्लामी देशों की छवि नकारात्मक हो जाएगी, जिससे अन्य देश भी मुस्लिम समुदाय को शरण देने से कतराएँगे. हालांकि, यह भी कहना गलत होगा कि इस भविष्यवाणी के कारण पूरा धर्म समाप्त हो जाएगा. लेकिन आंतरिक कलह और कट्टरपंथी सोच से समुदाय में निश्चित रूप से अस्थिरता फैल रही है, जिसका असर आने वाले वर्षों में स्पष्ट रूप से दिखाई दे सकता है.