Uttarakhand Monsoon: संभावित बाढ़ और संबंधित आपात स्थितियों के लिए अलर्ट रहने की सलाह दी है, खासकर भूस्खलन संभावित क्षेत्रों में खास ध्यान दिया जा रहा है. अधिकारी स्थिति पर कड़ी नज़र रख रहे हैं और निवासियों व पर्यटकों से सावधान रहने का आग्रह किया है. उत्तराखंड में मॉनसून एक बार फिर अपने रौद्र रूप में दिखने लगा है. सोमवार सुबह से देहरादून समेत कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है.
लगातार गिरती बारिश के चलते कई जगहों पर भूस्खलन और सड़कों के बाधित होने की खबरें सामने आ रही हैं. मौसम विभाग ने पूरे राज्य के लिए येलो अलर्ट जारी कर दिया है, जो 29 जुलाई से 1 अगस्त तक प्रभावी रहेगा. इस चेतावनी के चलते प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है और लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में प्रदेश के ज्यादातर इलाकों में तेज बारिश, गरज के साथ बिजली गिरने और तेज हवाएं चलने की संभावना है. खासतौर पर देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और टिहरी जैसे क्षेत्रों में हालात और बिगड़ सकते हैं. ऐसे में प्रशासन ने स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी अतिरिक्त सावधानी बरतने की अपील की है.
उत्तराखंड के सभी 13 जिलों- अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी गढ़वाल, ऊधम सिंह नगर और उत्तरकाशी में येलो अलर्ट जारी किया गया है. यह चेतावनी 29 जुलाई से 1 अगस्त तक लागू रहेगी. इसका मतलब है कि इन इलाकों में कहीं तेज तो कहीं बहुत भारी बारिश हो सकती है, जिससे बाढ़, जलभराव और भूस्खलन जैसी आपदाएं उत्पन्न हो सकती हैं.
देहरादून और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है. खासतौर पर धार्मिक यात्रा मार्ग यमुनोत्री राजमार्ग पर स्यानाचट्टी के पास भारी भूस्खलन हुआ है, जिससे मार्ग बंद हो गया है और यात्रियों की आवाजाही पूरी तरह रुक गई है. इससे यात्रा कर रहे लोगों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
राज्य आपदा परिचालन केंद्र ने सभी जिलों को अलर्ट पर रखा है. भूस्खलन संभावित क्षेत्रों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. प्रशासन स्थानीय लोगों के साथ-साथ पर्यटकों को भी सलाह दे रहा है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम संबंधी जानकारी पर ध्यान दें. आपदा राहत टीमें भी सक्रिय कर दी गई हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके.