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 गहराई में राज खोज रहा ड्रैगन! चीन ने बनाई दुनिया की सबसे गहरी अंडरग्राउंड लैब 

China Reveals World's Deepest Lab: चीन ने दुनिया की सबसे गहरी और अंडरग्राउंड लैब से पर्दा हटाया है. चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक,  दक्षिणी पश्चिमी प्रांत सिचुआन में स्थित 2.4 किमी गहरी लैब ने काम करना भी शुरू कर दिया है.

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Shubhank Agnihotri
Lab

हाइलाइट्स

  • मल्टी फैसिलिटीज से लैस है अंडरग्राउंड लैब 
  • डार्क मैटर का पता लगाने के लिए चीन से बेहतर जगह नहीं 

China Reveals World's Deepest Lab: चीन ने दुनिया की सबसे गहरी और अंडरग्राउंड लैब से पर्दा हटाया है. चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिणी पश्चिमी प्रांत सिचुआन में स्थित 2.4 किमी गहरी लैब ने काम करना भी शुरू कर दिया है.

दावा किया जा रहा है यह लैब कई ऐसे राज खोलेगी जो वैज्ञानिक दृष्टि से अभी भी रहस्य बने हुए हैं. 

मल्टी फैसिलिटीज से लैस है लैब 


रिपोर्ट के अनुसार, चीन की यह लैब गहरी होने के साथ कई सुविधाओं से लैस है. इस लैब में अल्ट्रा लो रेडिएशन बैकग्राउंड की भी सुविधा है.

चीनी साइंटिस्ट का मानना है कि वह इस लैब की मदद से डार्क मैटर से जुड़े रहस्यों को सुलझाएंगे. आपको बता दें कि डार्क मैटर के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है.

इसे जिनपिंग लैब नाम दिया गया है. डार्क मैटर के बारे में कहा जाता है कि इस हिस्से में न तो एनर्जी है और न ही प्रकाश.

इसलिए इसका पता लगाना मुश्किल है. चीन के वैज्ञानिक इनकी खोज करके इतिहास बनाना चाहते हैं.

 


डार्क मैटर का पता लगाने के लिए चीन से बेहतर जगह नहीं 


रिपोर्ट में कहा गया कि चीन की इस अंडरग्राउंड लैब के पहले चरण का काम 2010 में ही पूरा हो गया था. इसे अब काम करने के लायक बनाया जा रहा है.

इसकी गहराई से जुड़े सवाल पर चीनी वैज्ञानिकों ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने बताया कि  वह जितनी गहराई में जाएंगे उतनी ही कॉस्मिक किरणों को रोक पाएंगे.

इसी वजह से वैज्ञानिकों ने कहा है कि वह जितनी गहराई में जाएंगे उतना ही कॉस्मिक किरणों को रोक सकेंगे. वैज्ञानिकों ने चीन में डार्क मैटर का पता लगाने के लिए सबसे बेहतर जगह माना है.