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India Daily

India US Trade Deal: टैरिफ टकराव के बीच अमेरिका को बड़ा झटका देने की तैयारी, भारत ने 300+ वस्तुओं की बनाई एक्सपोर्ट लिस्ट

India US Trade Deal: भारत ने अमेरिका को निर्यात बढ़ाने के लिए 300 से ज्यादा वस्तुओं की पहचान की है. सरकार चाहती है कि इन वस्तुओं पर टैक्स में छूट मिले. 1 अगस्त से पहले अमेरिका के साथ एक मिनी ट्रेड डील की संभावना है, लेकिन कृषि और डेयरी उत्पादों को लेकर मतभेद बने हुए हैं.

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Edited By: Km Jaya
India prepared an export list
Courtesy: Social Media

India US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों में टैरिफ को लेकर चल रही खींचतान के बीच भारत सरकार ने अमेरिका को निर्यात बढ़ाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है. इस दिशा में फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन्स यानी FIEO ने अमेरिका को भेजे जा सकने वाले 300 से ज्यादा संभावित वस्तुओं की पहचान की है, जिनका निर्यात बढ़ाया जा सकता है. इसके पीछे उद्देश्य यह है कि आगामी टैरिफ बाधाओं से पहले भारत अमेरिका के साथ एक संतुलित ट्रेड डील कर सके.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पिछले साल भारत की ओर से अमेरिका को 86.5 अरब डॉलर का निर्यात किया था, लेकिन अमेरिका द्वारा प्रस्तावित टैरिफ 1 अगस्त से लागू करने की योजना से यह व्यापार प्रभावित हो सकता है. अमेरिका भारत सहित कुछ देशों पर टैरिफ बढ़ाने की योजना बना रहा है, खासतौर पर उन देशों पर जो रूस से तेल खरीद रहे हैं या BRICS समूह के साथ खड़े हैं.

किन वस्तुओं की पहचान की गई?

FIEO द्वारा चिन्हित कुल 408 उत्पादों में से 300 से ज्यादा को खासतौर पर अमेरिका को अधिक निर्यात करने योग्य माना गया है. इन वस्तुओं में दवाइयां, फ्रोजन झींगे, स्मार्टफोन, हीरे, कालीन, शहद, चावल, टॉयलेट लिनेन, रसायन, चमड़े के उत्पाद, जूते, इंजीनियरिंग और बिजली के सामान शामिल हैं.

निर्यात किए जाने चीजों में भारत की हिस्सेदारी

भारत अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले झींगों में 40% से अधिक हिस्सेदारी रखता है. वहीं, अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले शहद में भारत की हिस्सेदारी लगभग 25% है. दवाएं और टेक्सटाइल जैसे क्षेत्रों में भारत पहले से ही मजबूत स्थिति में है.

FIEO की मांग और सरकार की पहल

FIEO चाहता है कि इन चिन्हित उत्पादों पर लगने वाले टैक्स को कम करने को लेकर अमेरिका से बात की जाए. कई ऐसे उत्पादों पर भारत से ज्यादा टैरिफ वसूला जा रहा है जबकि अन्य देशों को राहत मिलती है. जैसे कालीन और झींगों पर भारत पर 26% तक का टैरिफ है, जिससे प्रतिस्पर्धा में नुकसान हो सकता है. सरकार का मानना है कि जिन वस्तुओं के उत्पादन में बड़ी मात्रा में श्रमिकों की आवश्यकता होती है, उन पर टैक्स में छूट मिलनी चाहिए, जिससे रोजगार भी प्रभावित न हो और निर्यात को भी बढ़ावा मिले.

ट्रेड डील की स्थिति

भारतीय वार्ताकारों की टीम वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में अमेरिकी अधिकारियों के साथ बातचीत कर रही है. इस बातचीत का मकसद 1 अगस्त से पहले एक मिनी ट्रेड डील को अंतिम रूप देना है. हालांकि, डील को लेकर अब भी अनिश्चितता है क्योंकि भारत कुछ कृषि और डेयरी उत्पादों पर रियायत देने को तैयार नहीं है.