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India Daily

विदेश मंत्री एस. जयशंकर का चीन दौरा, SCO बैठक में संबंधों में सुधार की उम्मीद, चीनी उपराष्ट्रपति में क्या हुई बात?

बीजिंग पहुंचने के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने चीन की SCO अध्यक्षता के लिए भारत के समर्थन को दोहराया.

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Edited By: Gyanendra Sharma
S. Jaishankar
Courtesy: Social Media

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर 13 जुलाई 2025 को तीन दिवसीय यात्रा पर चीन पहुंचे, जहां वे तियानजिन में आयोजित होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे. यह उनकी 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद पहली आधिकारिक चीन यात्रा है जो दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बाद एक सकारात्मक कदम के रूप में देखी जा रही है. बीजिंग पहुंचने के तुरंत बाद, जयशंकर ने चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की और दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार पर चर्चा की. इस दौरे से भारत-चीन संबंधों को और बेहतर करने की उम्मीद जताई जा रही है.

बीजिंग पहुंचने के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने चीन की SCO अध्यक्षता के लिए भारत के समर्थन को दोहराया. मुलाकात के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा, आज बीजिंग पहुंचने के तुरंत बाद उपराष्ट्रपति हान झेंग से मिलकर खुशी हुई. उन्हें चीन की SCO अध्यक्षता के लिए भारत के समर्थन से अवगत कराया. हमारे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार पर गौर किया गया और विश्वास व्यक्त किया कि मेरी यात्रा के दौरान चर्चा उस सकारात्मक दिशा को बनाए रखेगी. इस बयान से साफ है कि जयशंकर इस यात्रा को दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग बढ़ाने के अवसर के रूप में देख रहे हैं.


उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत और चीन ने 2024 में अपनी राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाईऔर कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली को भारत में व्यापक रूप से सराहा गया है. यह कदम दोनों देशों के बीच सामान्य संबंधों की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति का प्रतीक है.

SCO बैठक और द्विपक्षीय मुद्दे

15 जुलाई को तियानजिन में होने वाली SCO विदेश मंत्रियों की बैठक में जयशंकर क्षेत्रीय सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रयासों जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे. SCO के 10 सदस्य देशों भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, ईरान, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री इस बैठक में हिस्सा लेंगे. जयशंकर के चीनी समकक्ष वांग यी के साथ भी द्विपक्षीय बैठक होने की संभावना है, जिसमें सीमा विवाद, व्यापार और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर बातचीत होगी.