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'अगर दोस्त ही करे बलात्कार, तो क्या करे पुलिस?' कोलकाता लॉ कॉलेज रेप कांड पर TMC सांसद कल्याण बनर्जी का विवादित बयान

कोलकाता के एक प्रतिष्ठित लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के बयान ने विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा, "अगर दोस्त ही दोस्त का रेप कर दे, तो क्या किया जा सकता है?" उन्होंने यह भी पूछा कि क्या हर स्कूल और कॉलेज में पुलिस तैनात की जा सकती है. गौरतलब है कि घटना के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें एक पूर्व छात्र और दो वर्तमान छात्र शामिल हैं. इस मामले ने राज्य की महिला सुरक्षा व्यवस्था और सामाजिक सोच पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Kalyan Banerjee
Courtesy: WEB

साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज की एक छात्रा के साथ हुए गैंगरेप मामले पर टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी का बयान चर्चा का विषय बन गया है. उन्होंने कहा, “अगर एक दोस्त ही अपने दोस्त का रेप कर दे, तो कौन जिम्मेदार होगा? क्या स्कूलों में पुलिस बैठाई जाएगी?” उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब तक समाज की मानसिकता नहीं बदलेगी, तब तक कोई कानून या पुलिस बल इस तरह की घटनाओं को नहीं रोक पाएगा. सांसद ने महिलाओं को “गंदे सोच वाले लोगों” से सतर्क रहने की सलाह दी और कहा कि लोगों को यह पहचानना होगा कि वे किस तरह के लोगों के साथ उठते-बैठते हैं.

क्या है पूरा मामला

यह मामला 25 जून को सामने आया जब एक 24 वर्षीय छात्रा ने शिकायत दर्ज कराई कि कॉलेज कैंपस के अंदर एक पूर्व छात्र और दो वरिष्ठ छात्रों ने उसके साथ गैंगरेप किया. पीड़िता के अनुसार, मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा ने उस पर शादी के लिए दबाव बनाया, लेकिन जब उसने मना किया तो तीनों ने मिलकर उसके साथ दुष्कर्म किया. आरोपियों में मोनोजीत मिश्रा, जो एक वकील और पूर्व छात्र है, जबकि अन्य दो आरोपी जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी कॉलेज के वर्तमान छात्र हैं. अदालत ने तीनों को चार दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.

सामाजिक संगठनों ने दी तीखी प्रतिक्रिया

इस मामले ने सिर्फ कानूनी पहलू ही नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी और कॉलेज परिसरों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े किए हैं. टीएमसी सांसद का बयान यह दर्शाता है कि राजनीतिक नेतृत्व भी महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को सामाजिक सोच के साथ जोड़ कर देख रहा है. उन्होंने कहा कि आरजी कर हॉस्पिटल कांड के कुछ महीनों बाद फिर से ऐसी घटना होना बताता है कि मानसिकता में बदलाव लाना अब अनिवार्य हो गया है. इस बयान पर विपक्ष और सामाजिक संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.

क्या कॉलेज सुरक्षित स्थान नहीं रह गए हैं?

यह घटना बताती है कि आज के दौर में शैक्षणिक संस्थान भी महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रह गए हैं. जहां एक ओर आरोपी संस्थान के ही छात्र हैं, वहीं दूसरी ओर संस्थान की जिम्मेदारी भी सवालों के घेरे में है. कॉलेज प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कई सवाल उठे हैं, जिनका जवाब मिलना अब जरूरी हो गया है. राष्ट्रीय महिला आयोग और अन्य संस्थाएं इस मामले में सक्रिय हो चुकी हैं, लेकिन असल समाधान मानसिकता में बदलाव और कड़े कदमों से ही आ सकता है.

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