3rd AC Coach Video: भारतीय रेलवे की व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं, जब सिक्किम महानंदा एक्सप्रेस के 3rd AC कोच में भीड़-भाड़ का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. यह वीडियो उस समय रिकॉर्ड किया गया जब कई बिना आरक्षण यात्रियों ने जबरन आरक्षित एसी कोच में प्रवेश किया, जिससे कोच किसी जनरल बोगी की तरह भर गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना कटिहार स्टेशन की बताई जा रही है, जहां वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता है कि लोग एसी कोच में धक्कामुक्की करते हुए अंदर घुस रहे हैं. यह स्थिति उन यात्रियों के लिए असहनीय हो गई जिनके पास कन्फर्म टिकट थे और जो आरक्षित सीटों की सुविधा की उम्मीद लेकर सफर कर रहे थे.
वीडियो में देखा जा सकता है कि जिसमें कोच का गलियारा पूरी तरह से भर चुका था और आरक्षित सीटों के आसपास भीड़ जमा थी. पोस्ट में लिखा गया 'भले ही ये AC कोच है, लेकिन इसे एक जनरल बोगी बना दिया गया है. ये रेलवे प्रबंधन पर बड़ा सवाल है.'
Yesterday, 3rd AC coach of Sikkim Mahananda Express (15483) was overcrowded at Katihar, leaving reserved passengers distressed. Despite being an AC coach, it turned into a packed general compartment, raising serious concerns about railway management. pic.twitter.com/mgwSoiIgRG
— I Love Siliguri (@ILoveSiliguri) July 24, 2025
रेलवे की ओर से 'Railway Seva' हैंडल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमें खेद है कि आपको ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा. कृपया अपनी यात्रा की जानकारी और मोबाइल नंबर DM करें ताकि तत्काल कार्रवाई की जा सके. साथ ही रेलवे ने बताया कि मामला कटिहार डिवीजन को भेज दिया गया है.
हालांकि, रेलवे की सफाई सोशल मीडिया यूजर्स को संतोषजनक नहीं लगी. एक यूजर ने लिखा कि इतनी शानदार नई 3rd AC कोच, लेकिन कानून का पालन नहीं. ये कैसी व्यवस्था है? उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को टैग करते हुए कहा कि अब यह आदत बन चुकी है. लोग बेखौफ और बेझिझक कानून तोड़ते हैं. समय आ गया है कि हर आरक्षित कोच में रेलवे पुलिस की तैनाती की जाए.
1. प्लेटफॉर्म पर प्रवेश के लिए केवल कन्फर्म टिकटधारियों को अनुमति मिले.
2. प्लेटफॉर्म टिकट सिस्टम समाप्त किया जाए.
3. चेन पुलिंग सिस्टम हटाया जाए.
4. भीड़भाड़ वाले मार्गों पर अधिक ट्रेनों की व्यवस्था हो.
एक अन्य पोस्ट में लिखा गया कि संरचना तो बेहतरीन है, लेकिन यदि कानून का पालन नहीं होगा तो सब व्यर्थ है. आरक्षण एक अधिकार है, सिर्फ सलाह नहीं. सोशल मीडिया अब यात्रियों का अंतिम सहारा बन चुका है, जहां वे अपनी शिकायतें उजागर कर रहे हैं. सवाल ये है कि क्या रेलवे अब भी ‘भैया थोड़ा एडजस्ट कर लो’ नीति पर चलता रहेगा, या वाकई में कुछ सख्त कदम उठाएगा?