अमेरिका ने ईरान को परमाणु कार्यक्रम वार्ता में वापस लाने के लिए कई प्रस्ताव पेश किए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, इनमें ईरान को नॉन एनरिचमेंट न्यूक्लियर फैसिलिटी बनाने में मदद, अमेरिकी प्रतिबंधों में राहत और ईरानी फंड को मुक्त करना शामिल है. पिछले दो हफ्तों में अमेरिका और मध्य पूर्व के प्रतिनिधियों ने ईरानियों के साथ चर्चा की है, भले ही इजरायल-ईरान के बीच तीव्र संघर्ष चल रहा था. मंगलवार को दोनों पक्षों ने अमेरिका के प्रस्तावित युद्धविराम को स्वीकार किया, जिसके बाद वार्ता जारी रही.
ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले
ईरान के विदेश मंत्रालय ने स्वीकार किया कि अमेरिकी हमलों से उसके परमाणु ठिकाने "बुरी तरह क्षतिग्रस्त" हुए हैं. अमेरिका और इजरायल ने नतांज, इस्फहान और फोर्डो में ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले किए. अमेरिकी खुफिया की एक प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, इन हमलों से ईरान का परमाणु कार्यक्रम केवल कुछ महीनों के लिए पीछे धकेला गया. अमेरिका के प्रस्तावों में एक शर्त अटल है: ईरान द्वारा यूरेनियम एनरिचमेंट शून्य होना चाहिए. हालांकि, ईरान बार-बार कह चुका है कि जीरो एनरिचमेंट संभव नहीं है.
अमेरिका की पेशकश क्या है?
ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों ने एक मीडिया चैनल को बताया कि ईरान के लिए प्रस्तावों में 20-30 अरब डॉलर का निवेश शामिल है, जो गैर-संवर्धन परमाणु कार्यक्रम के लिए होगा. यह धन सीधे अमेरिका से नहीं, बल्कि किसी अरब सहयोगी से आएगा. इसके अलावा, कुछ प्रतिबंध हटाकर ईरान को विदेशी बैंकों में जमा 6 अरब डॉलर के फंड तक पहुंच दी जाएगी. फोर्डो परमाणु सुविधा, जो हाल ही में अमेरिकी बंकर-बस्टर बमों से क्षतिग्रस्त हुई, को गैर-संवर्धन कार्यक्रम से बदलने का प्रस्ताव भी है. एक सूत्र ने कहा, “कई लोग रचनात्मक विचार पेश कर रहे हैं.”
ईरान का रुख और अनिश्चितता
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने वार्ता की खबरों का खंडन किया. उन्होंने कहा, “मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि नई वार्ता शुरू करने को लेकर कोई समझौता या चर्चा नहीं हुई है.” एक अन्य सूत्र ने इन वार्ताओं के भविष्य पर “पूरी अनिश्चितता” जताई. ट्रम्प ने बुधवार को कहा कि उनके अधिकारी अगले हफ्ते ईरानी समकक्षों से मुलाकात करेंगे, लेकिन ईरान ने इसे गंभीरता से लेने से इनकार किया.