राजनीतिक रिश्तों में खटास और सुलह की मिसाल बने राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे एक बार फिर सुर्खियों में हैं. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे 13 साल बाद पहली बार मातोश्री पहुंचे, जहां उन्होंने अपने चचेरे भाई और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज ठाकरे आखिरी बार 2012 में बालासाहेब ठाकरे के निधन के समय मातोश्री पहुंचे थे. उसके बाद यह पहला मौका है जब वे इस आवास पर दोबारा आए. इस मुलाकात को राजनीतिक गलियारों में एक बड़ा संकेत माना जा रहा है, खासकर तब जब महाराष्ट्र में भाजपा और एकनाथ शिंदे के गठजोड़ से मुकाबले के लिए विपक्षी दलों में समीकरण बदल रहे हैं.
राज ठाकरे के साथ मनसे के वरिष्ठ नेता बाला नंदगांवकर और नितिन सरदेसाई भी मौजूद थे. मातोश्री के अंदर दोनों भाइयों ने दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर के सामने साथ में तस्वीर खिंचवाई. एक अन्य तस्वीर में राज ठाकरे अपने चचेरे भाई उद्धव को गुलदस्ता देते नजर आए.
हालांकि, उद्धव के केक काटने के वीडियो में राज नहीं दिखे, लेकिन यह मुलाकात खुद में राजनीतिक बर्फ पिघलने का संकेत है. इससे पहले 5 जुलाई को दोनों नेता वर्ली की "विजय रैली" में एक मंच पर नजर आए थे, जहां उन्होंने मराठी अस्मिता और हिंदी भाषा थोपने के मुद्दे पर एकजुट होकर जनसभा को संबोधित किया था. उस रैली में उद्धव ठाकरे ने संकेत दिया था कि आगामी मुंबई नगर निगम चुनाव और राज्य की राजनीति में वे मिलकर आगे बढ़ेंगे.
राज ठाकरे ने भी उस वक्त चुटकी लेते हुए कहा था कि देवेंद्र फडणवीस ने वह कर दिखाया है जो बालासाहेब ठाकरे और बाकी कोई नहीं कर पाए. राज ने 2005 में शिवसेना छोड़कर मनसे की स्थापना की थी. तब से वे अलग राह पर थे और दोनों दल चुनावों में आमने-सामने रहते थे. अब, महाराष्ट्र में भाजपा और शिंदे के गठबंधन के खिलाफ शिवसेना और मनसे की यह संभावित नजदीकी, राज्य की राजनीति में नई हलचल ला सकती है.