menu-icon
India Daily

'मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं...', शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर पर उनके बयान पर कांग्रेस में चल रहे घमासान पर दी प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता शशि थरूर का यह बयान न केवल उनकी व्यक्तिगत राय को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि वह राष्ट्रीय हितों को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पेश करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उनके स्पष्टीकरण ने विवाद को कुछ हद तक शांत करने की कोशिश की है, लेकिन यह देखना बाकी है कि पार्टी और जनता इस पर आगे कैसे प्रतिक्रिया देती है.

auth-image
Edited By: Mayank Tiwari
केरल से कांग्रेस सांसद शशि थरूर
Courtesy: Social Media

देश की राजधानी दिल्ली में बुधवार को कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक हुई. जिसमें ऑपरेशन सिंदूर पर पार्टी के कुछ नेताओं, जिनमें शशि थरूर भी शामिल हैं. उनके दिए बयानों पर चर्चा की गई. इसके साथ ही केंद्र सरकार पर ऑपरेशन सिंदूर के राजनीतिकरण का आरोप लगाया. दरअसल, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर दिए गए अपने बयान पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उन्होंने केवल अपने व्यक्तिगत विचार व्यक्त किए थे, न कि कांग्रेस पार्टी या सरकार की ओर से कोई बयान दिया.

न्यूज एजेंसी ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, थरूर के बयान के बाद मीडिया में आई खबरों में दावा किया गया कि कांग्रेस ने उनके रुख को पार्टी की राय नहीं माना और इसे 'लक्ष्मण रेखा' पार करने वाला बताया. इस पर थरूर ने जोर देकर कहा कि वह किसी के प्रवक्ता नहीं हैं और उनके विचारों के लिए उन्हें व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराया जाए.

व्यक्तिगत राय, पार्टी की नहीं

थरूर ने तिरुवनंतपुरम में मीडिया से बातचीत में कहा, "इस समय, संघर्ष के समय, मैंने एक भारतीय के रूप में बात की. मैंने कभी यह दावा नहीं किया कि मैं किसी और की ओर से बोल रहा हूँ. मैं न तो पार्टी का प्रवक्ता हूँ और न ही सरकार का, मैंने जो कुछ कहा, आप उससे सहमत हो सकते हैं या असहमत, लेकिन इसके लिए मुझे व्यक्तिगत रूप से दोष दें, और यह ठीक है." उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका बयान राष्ट्रीय विमर्श में योगदान था, खासकर ऐसे समय में जब भारत का दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सुनाई देने की जरूरत थी.

राष्ट्रीय हित में योगदान

थरूर ने अपने बयान का उद्देश्य समझाते हुए कहा, "मैंने बहुत स्पष्ट किया कि मैं अपने व्यक्तिगत विचार व्यक्त कर रहा हूँ। यह राष्ट्रीय विमर्श में एक योगदान था, जब हमारे लिए झंडे के इर्द-गिर्द एकजुट होना बहुत महत्वपूर्ण था, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर. हमारे दृष्टिकोण की कमी विशेष रूप से अमेरिका, यूरोप और मध्य पूर्व में महसूस की जा रही थी." उन्होंने यह भी कहा कि लोग उनके दृष्टिकोण को अस्वीकार करने के लिए स्वतंत्र हैं. थरूर ने जोर देकर कहा कि उन्हें पार्टी से कोई आधिकारिक संदेश नहीं मिला है और वे केवल मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर स्थिति का आकलन कर रहे हैं.

जानिए विवाद की क्या है पृष्ठभूमि?

हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर, भारत की हालिया सैन्य कार्रवाई, ने देश में व्यापक चर्चा को जन्म दिया है. इस संदर्भ में थरूर का बयान तब सामने आया जब उन्होंने भारत के रुख को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पेश करने की आवश्यकता पर बल दिया। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने कथित तौर पर उनके बयान को पार्टी की आधिकारिक राय से अलग बताया, जिसके बाद यह विवाद सुर्खियों में आ गया. थरूर ने अपने बयान में राष्ट्रीय एकता और भारत की वैश्विक छवि को मजबूत करने की बात कही, लेकिन इसे व्यक्तिगत राय तक सीमित रखा.