menu-icon
India Daily

अमित शाह लोकसभा में 3 बिल करेंगे पेश, तीनों बिल के बारे में जानिए

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को इसके लिए संसद में तीन बिल पेश करेंगे. इन बिल में ये प्रावधान है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री ऐसे गंभीर अपराधों में गिरफ्तार किए जाते हैं तो उन्हें 5 साल की जेल की सजा हो सकती है.

Gyanendra Sharma
amit shah lok sabha
Courtesy: Social Media

Parliament Monsoon Session: केंद्र सरकार बुधवार को लोकसभा में तीन बिल पेश करने जा रही है. गंभीर आपराधिक केस में गिरफ्तार होने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने का कानून बनाने जा रही है. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसके लिए संसद में तीन बिल पेश करेंगे. इन बिल में ये प्रावधान है कि अगर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री ऐसे गंभीर अपराधों में गिरफ्तार किए जाते हैं तो उन्हें 5 साल की जेल की सजा हो सकती है. 

साथ ही उन्हें अगर लगातार 30 दिन हिरासत में रखा जाता है, तो 31वें दिन उन्हें पद से हटा दिया जाएगा. इन तीनों बिल के नाम हैं. गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025, 130वां संविधान संशोधन बिल 2025 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025. इस गृहमंत्री अमित शाह लोकसभा में पेश करेंगे. 

गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025

गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025 उन तीन विधेयकों में से एक है जिन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में पेश करेंगे. यदि कोई मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार होता है और उसे कम से कम पांच साल की सजा का सामना करना पड़ सकता है. 30 दिनों की हिरासत के बाद उसे पद से हटा दिया जाएगा.

130वां संविधान संशोधन बिल 2025

130वां संविधान संशोधन बिल 2025 को लेकर सरकार ने बताया है कि संविधान में किसी ऐसे मंत्री को हटाने का प्रावधान नहीं है. गंभीर आपराधिक आरोपों के बाद भी मंत्री बच जाते हैं, गिरफ्तारी नहीं होती है. इसलिए संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन की जरूरत है.

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल 2025

जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 (2019 का 34) में किसी  मुख्यमंत्री या मंत्री को आपराधिक आरोपों के कारण गिरफ्तार और हिरासत में लिए जाने के बाद हटाने का प्रावधान नहीं है. जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 54 में संशोधन के बाद गंभीर आपराधिक केस में गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए मुख्यमंत्री या मंत्री को 30 दिन में हटाने का प्रावधान होगा.