West Bengal Clashes: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के महेशतला इलाके में बुधवार को सांप्रदायिक तनाव हिंसक झड़पों में बदल गया. रवींद्रनगर थाना क्षेत्र के अकरा इलाके में भीड़ और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई जिसमें पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए. घायलों में डीसी हरीकृष्ण पाई भी शामिल हैं.
घटना के दौरान उग्र भीड़ ने दो सरकारी गाड़ियों को क्षतिग्रस्त कर दिया और एक मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया. हालात को काबू में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 12 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है और अब तक चार मामले दर्ज किए जा चुके हैं.
सूत्रों के अनुसार, हिंसा की शुरुआत तब हुई जब अकरा क्षेत्र में अचानक कुछ असामाजिक तत्वों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. उस समय पुलिस बल कम संख्या में मौजूद था, जिससे उन्हें पीछे हटना पड़ा. लेकिन थोड़ी देर में रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंचे और मोर्चा संभालते हुए भीड़ को तितर-बितर कर दिया. संतोषपुर इलाके में फिर से भीड़ इकट्ठा हो गई और पुलिस के साथ झड़प हो गई.
स्थानीय लोगों के मुताबिक विवाद जमीन के मालिकाना हक को लेकर शुरू हुआ. बताया जा रहा है कि एक अल्पसंख्यक व्यापारी की दुकान पर ईद के दौरान उनकी अनुपस्थिति में कुछ लोगों ने ‘तुलसी मंच’ बना दिया. इसके बाद आरोप लगाया गया कि दुकान मंदिर की जमीन पर बनाई गई है. प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम उठाने से पहले ही मामला तनाव में बदल गया और देखते ही देखते प्रदर्शन हिंसक हो उठा.
राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस घटना की निंदा की. उन्होंने दावा किया कि इस हिंसा में हिंदू परिवारों को जानबूझकर निशाना बनाया गया. सुवेंदु ने केंद्र सरकार से अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की और कहा कि वे राज्य के डीजीपी और संबंधित पुलिस अधिकारियों से संपर्क में हैं ताकि पीड़ित परिवारों से मिलकर उनकी स्थिति जान सकें. उन्होंने प्रशासन से अपील की कि उनकी यात्रा में कोई बाधा न डाले.
घटना के बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. रैपिड ऐक्शन फोर्स और कोलकाता पुलिस लगातार गश्त कर रही हैं. उच्च अधिकारी खुद मौके पर हालात पर नजर बनाए हुए हैं. घायलों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है और प्रशासन हालात को सामान्य करने में जुटा हुआ है.