Srikkanth On Vaibhav Suryavanshi: मुंबई में मंगलवार, 19 अगस्त को होने वाली 'अखिल भारतीय मेंस सीनियर चयन समिति' की बैठक में आगामी एशिया कप के लिए भारतीय क्रिकेट टीम का चयन किया जाएगा. अजीत अगरकर की अध्यक्षता वाली यह समिति कई महत्वपूर्ण फैसलों के लिए तैयार है, जिसमें युवा सनसनी वैभव सूर्यवंशी के चयन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता क्रिस श्रीकांत ने सूर्यवंशी को सीनियर टीम में शामिल करने की जोरदार वकालत की है.
14 साल के बाएं हाथ के बल्लेबाज वैभव सूर्यवंशी ने अपनी प्रतिभा से क्रिकेट जगत में तहलका मचा दिया है. IPL 2025 में राजस्थान रॉयल्स के लिए डेब्यू करते हुए सूर्यवंशी ने 'गुजरात टाइटन्स' के खिलाफ मात्र 35 गेंदों में शतक जड़कर इतिहास रच दिया था. यह किसी भारतीय खिलाड़ी द्वारा आईपीएल में बनाया गया सबसे तेज शतक है. सूर्यवंशी ने अपनी फॉर्म को अंडर-19 स्तर पर भी जारी रखा. इंग्लैंड के खिलाफ अंडर-19 ODI सीरीज में उन्होंने पांच मैचों में 355 रन बनाए, जिसमें चौथे मैच में 143 रनों की शानदार पारी शामिल है.
पूर्व सेलेक्टर ने की सूर्यवंशी की वकालत
श्रीकांत ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, "आपको निडर होकर खेलना होगा. उसे इंतज़ार मत करवाइए. ऐसी बातें मत कहिए कि उसे परिपक्व होने दो. वह पहले से ही काफी परिपक्वता के साथ खेल रहा है. उसकी शॉट-मेकिंग एक अलग ही स्तर की है. अगर मैं चेयरमैन होता, तो मैं उसे ज़रूर 16 खिलाड़ियों में शामिल करता."
संजू सैमसन की जगह पर सवाल
पिछले साल तीन टी20 अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ने वाले संजू सैमसन की एशिया कप टीम में जगह अब अनिश्चित दिख रही है. श्रीकांत का मानना है कि अभिषेक शर्मा, वैभव सूर्यवंशी और साई सुदर्शन को सलामी बल्लेबाज के रूप में प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, "मेरे हिसाब से सैमसन का खेलना संदिग्ध है. मेरी पहली पसंद के सलामी बल्लेबाज अभिषेक शर्मा हैं, इसमें कोई शक नहीं. हमारे पास दो और सलामी बल्लेबाज होंगे. मेरी पसंद वैभव सूर्यवंशी या साई सुदर्शन होंगे, और शुभमन गिल भी एक विकल्प हो सकते हैं." श्रीकांत ने आगे कहा, "वह शानदार रहे हैं. मुझे लगता है कि यशस्वी जायसवाल, वैभव सूर्यवंशी और साई सुदर्शन में से किसी एक को चुना जाना चाहिए. मैं इन तीनों में से दो को चुनूंगा .यही मेरी प्राथमिकता होगी." सैमसन को इस साल की शुरुआत में इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में बाउंसर गेंदों का सामना करने में मुश्किल हुई थी, खासकर जोफ्रा आर्चर की गेंदों ने उन्हें बार-बार परेशान किया.