Pollachi Sexual Assault Case: पोलाची यौन शोषण और उगाही मामले में मंगलवार, 13 मई 2025 को कोयंबटूर महिला कोर्ट ने सभी नौ आरोपियों को जीवनभर की सजा सुनाई. यह मामला तमिलनाडु के पोलाची में 2016 से 2018 के बीच महिलाओं के शोषण और ब्लैकमेलिंग के एक संगठित रैकेट के रूप में सामने आया, जो भारत में महिलाओं के खिलाफ जेंडर आधारित हिंसा की एक चौंकाने वाली मिसाल बन गया.
पोलाची शोषण रैकेट में एक समूह के सदस्य, जैसे सबरिराजन (रिसवंध), कॉलेज की छात्राओं को धोखे से एकांत स्थानों पर ले जाते थे. वहां उन्हें शारीरिक शोषण का शिकार बनाया जाता था और बिना उनकी सहमति के वीडियो रिकॉर्ड कर लिए जाते थे. ये वीडियो बाद में शिकार को बार-बार शोषण करने के लिए ब्लैकमेल करने के लिए इस्तेमाल किए जाते थे.
यह मामला तब उजागर हुआ जब एक 19 वर्षीय कॉलेज छात्रा, जिसे प्रिय (नाम बदला हुआ) के नाम से संदर्भित किया गया, ने अपने परिवार को सच्चाई बताने का साहस दिखाया. उसके भाई ने आरोपियों का सामना किया और उनके मोबाइल फोन से 3 अन्य महिलाओं के शोषण के वीडियो बरामद किए. इसके बाद, परिवार ने 24 फरवरी 2019 को पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई.
कुल मिलाकर 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.
- N. सबरिराजन उर्फ रिसवंध (सिविल इंजीनियर)
- K. थिरुनवुक्करसू (वित्तीय सलाहकार)
- M. सतीश (रेडीमेड गारमेंट्स दुकान के मालिक)
- T. वसंतकुमार (मनी कलेक्शन एजेंट)
- R. मणि उर्फ मनीवन्नन
- P. बाबू
- T. हारोनिमस पॉल
- K. अरुलनाथन (पूर्व AIADMK युवा विंग कार्यकर्ता)
- M. अरुणकुमार
इस मामले में करीब 50 से 200 महिलाओं के शोषण का अनुमान था, लेकिन कुल आठ महिलाएं अदालत में गवाही देने आईं. अन्य पीड़ितों का सामने आना सामाजिक कलंक और बदनामी के डर से कठिन था. हालांकि, मामला सीबीआई द्वारा लिए जाने के बाद मजबूत साक्ष्य के साथ चलाया गया, जिसमें 200 से ज्यादा दस्तावेज और 400 इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य थे.
13 मई 2025 को कोयंबटूर महिला कोर्ट के न्यायधीश आर. नंधिनी देवी ने सभी आरोपियों को गैंगरेप, बार-बार शारीरिक शोषण, ब्लैकमेलिंग और आपराधिक साजिश में दोषी ठहराया. अदालत ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई, और सजा सुनाने के बाद पीड़ितों को मुआवजा देने का आदेश भी दिया.