Independence Day 2025: भारत और पाकिस्तान के इतिहास में 15 अगस्त 1947 एक ऐसा दिन था, जिसने उपमहाद्वीप के नक्शे को हमेशा के लिए बदल दिया. इसी दिन ब्रिटिश शासन का अंत हुआ और दो नए स्वतंत्र राष्ट्र – भारत और पाकिस्तान – अस्तित्व में आए. भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 18 जुलाई 1947 में पारित हुआ, जिसमें साफ तौर पर 15 अगस्त को दोनों देशों के स्वतंत्र डोमिनियन बनने का प्रावधान था. उस समय पाकिस्तान भी 15 अगस्त को ही अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता था.
लेकिन समय के साथ पाकिस्तान ने अपना स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त कर दिया. यह बदलाव अचानक नहीं हुआ, बल्कि इसके पीछे राजनीति, भावनाओं और पहचान को लेकर लंबी चर्चाएं हुईं. आखिर किसने और क्यों बदली यह तारीख, इसका जवाब पाकिस्तान के शुरुआती इतिहास में छिपा है.
पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना ने अपने ऐतिहासिक रेडियो संबोधन में कहा था कि 15 अगस्त पाकिस्तान का जन्मदिन है. लॉर्ड माउंटबेटन को 15 अगस्त की आधी रात को सत्ता हस्तांतरित करनी थी. हालांकि, 14 अगस्त 1947 को वह कराची पहुंचे और वहां पाकिस्तान को सत्ता सौंपी, उसके बाद 15 अगस्त को दिल्ली में भारत को सत्ता दी.
स्वतंत्रता अधिनियम में दो अलग-अलग तारीखों का कोई उल्लेख नहीं था. कानूनी तौर पर दोनों देशों का स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त ही था. पाकिस्तान में भी शुरुआती वर्षों तक यही दिन आज़ादी के रूप में मनाया जाता रहा.
पाकिस्तान में एक बड़ा वर्ग नहीं चाहता था कि उसका स्वतंत्रता दिवस भारत के साथ मनाया जाए. जून 1948 में प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें अलग तारीख तय करने का फैसला लिया गया. इस फैसले को मोहम्मद अली जिन्ना ने भी मंजूरी दी.
14 अगस्त को माउंटबेटन के कराची में सत्ता हस्तांतरण को आधार बनाकर पाकिस्तान ने इसे अपना स्वतंत्रता दिवस घोषित कर दिया. इसके बाद से पाकिस्तान हर साल 14 अगस्त को आजादी का जश्न मनाता है, जबकि भारत अपना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाता है.