Ram Navami Holiday In Bengal: बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राम नवमी के दिन छुट्टी की घोषणा की है. बंगाल में ऐसा पहली बार देखने को मिलेगा कि रामनवमी के दिन सभी सरकारी कार्यालय और स्कूल कॉलेज में छुट्टी होगी. आपको बताते चलें, बंगाल में दुर्गा पूजा, काली पूजा और सरस्वती पूजा का भव्य आयोजन होता है. प्रदेश में कई त्योहारों पर सार्वजनिक अवकाश होता था लेकिन रामनवमी पर कोई अवकाश नहीं होता था.
इस साल रामनवमी के अवसर पर राज्य में छुट्टी घोषित किए जाने के बाद हर तरफ इस बात की चर्चा है कि कभी जय श्रीराम के नारे को सुनकर भड़कने वाली ममता बनर्जी का रुख लोकसभा चुनाव के दौरान बदला हुआ क्यों नजर आ रहा है. कहा जा रहा है कि हिंदू वोटों के लिए सीएम ममता इन दिनों मुखर नजर आ रहीं हैं. सीएम ममता ने हाल में कई ऐसे फैसले लिए हैं जिससे यह साफ होता है कि वह इस बात को लेकर चिंतित हैं कि कहीं हिंदू वोटर नाराज न हो जाए. आइए समझते हैं क्या है इसका चुनावी गणित.
राम के नाम पर बीजेपी लगातार राजनीति कर रही है और बंगाल में भी बीजेपी को इसका लाभ मिल रहा है. पिछले चुनाव के दौरान बंगाल में बीजेपी की वोट प्रतिशत में बढ़त देखने को मिली है. शायद इसी को देखते हुए सीएम ममता इस बार राम के नारे के प्रति अपनी नाराजगी नहीं दिखा रही हैं. अयोध्या राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश का माहौल भी बदल चुका है.
एक सर्वे के अनुसार देश की 22 फीसदी जनता मानती है कि बीजेपी ने राम मंदिर निर्माण करा के बड़ा काम किया है और उद्घाटन समारोह से दूरी बनाकर विपक्ष ने गलती की है. ऐसे में सीएम ममता को लगता है कि रामनवमी पर छुट्टी की घोषणा करके डैमेज कंट्रोल किया जा सकता है.
बंगाल में सीएए और फिर संदेशखाली में हुए घटना के बाद सीएम ममता बनर्जी की इमेज लगातार हिंदू विरोधी की बनती गई. बाद में संदेशखाली मामले में सीएम ममता मुख्य आरोपी शाहजहां शेख का बचाव करती हुई नजर आईं थी जिसके बाद हिंदुओं में नाराजगी बढ़ गई है. शायद यही वजह है कि सीएम ममता कुछ ऐसा करना चाहती हैं ताकि हिंदुओं की नाराजगी दूर हो जाए.