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Kolkata News: कोलकाता में बन रही 5 मंजिला बिल्डिंग ढही, 2 लोगों की मौत, 14 का रेस्क्यू

Kolkata Building Collapse: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में बन रही बिल्डिंग के गिरने से कई लोग मलबे में दब गए. हादसे की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने मलबे से 10 लोगों को निकाला है. फिलहाल, मलबे में कई अन्य लोगों के दबे होने की आशंका है, रेसक्यू ऑपरेशन जारी है.

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Kolkata Building Collapse

Kolkata Building Collapse: कोलकाता में निर्माणाधीन बिल्डिंग के ढहने की खबर है. हादसे की सूचना के बाद मलबे में दबे 10 लोगों का रेस्क्यू किया गया है, जबकि कई अन्य की तलाश की जा रही है. हादसा रविवार देर रात की है. जिस इलाके में हादसा हुआ है, वो घनी आबादी वाला इलाका है. बताया जा रहा है कि बिल्डिंग का मलबा आसपास के कई घरों पर भी गिरा है, जिससे उन्हें नुकसान हुआ है.

रेस्क्यू में जुटी टीम के अनुसार, मलबे से निकलने और जीवित बचे लोगों की तलाश जारी है. बिल्डिंग में यूज लोहे के रॉड को काटने के लिए गैस कटर का इस्तेमाल किया जा रहा है. एंबुलेंस को स्टैंडबाय पर रखा गया है.

गार्डन रीच इलाके का है मामला

रिपोर्ट्स के मुताबिक, हादसा गार्डन रीच इलाके का है, जहां पिछले कुछ महीने से 5 मंजिला बिल्डिंग का निर्माण चल रहा था. रविवार देर रात अचानक बिल्डिंग ढह गई. पुलिस और आपदा प्रबंधन कर्मियों ने 10 लोगों को मलबे से निकाला, जबकि अन्य लोगों की तलाश जारी है. कहा जा रहा है कि मलबे में कुछ लोग फंसे हुए हैं.

घटना के बारे में स्थानीय लोगों ने बताया कि सबसे पहले निर्माणाधीन इमारत से कंक्रीट के टुकड़े गिरने लगे. बाद में, पूरी बिल्डिंग ढह गई, जिसके कुछ हिस्से पड़ोसियों के घरों पर भी गिरे. कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और सीनियर अधिकारी, आपदा प्रबंधन टीमों और अग्निशमन सेवा के अधिकारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंची.

छह महीने से बन रही थी बिल्डिंग

घटनास्थल पर मौजूद एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि हमने कुछ लोगों को बचाया है जो मलबे से घायल हो गए हैं. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. बचाव अभियान जारी है और हम मलबे में फंसे किसी भी व्यक्ति की तलाश कर रहे हैं. अभी तक किसी की मौत की खबर नहीं है. ये एक भीड़भाड़ वाला इलाका है और हम इलाके की तलाशी के दौरान सभी सावधानियां बरत रहे हैं.

स्थानीय लोगों के मुताबिक, इमारत पिछले छह महीने से निर्माणाधीन थी. स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि इमारत को कोलकाता नगर निगम और पुलिस से क्लियरेंस नहीं मिला था, बावजूद इसके निर्माणकार्य जारी था. बचावकर्मियों के अनुसार, इमारत खाली थी लेकिन इसके मलबे के चपेट में आसपास के कुछ घर आए हैं, जो हादसे के दौरान वहां सो रहे थे.