Ahmedabad Plane Crash: 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के दर्दनाक हादसे के बाद, टाटा संस और एयर इंडिया के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन ने पहली बार चुप्पी तोड़ते हुए सार्वजनिक माफी मांगी है. इस विमान हादसे में 270 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी.
मीडिया को दिए गए एक इंटरव्यू में चंद्रशेखरन ने कहा, 'ये बहुत ही मुश्किल घड़ी है. मेरे पास शब्द नहीं हैं जो परिवारों का दर्द कम कर सकें. एक टाटा ग्रुप की एयरलाइन में ऐसा हादसा होना बेहद दुखद है. हम इन परिवारों के साथ मिलकर शोक व्यक्त करते हैं और भविष्य में भी हर तरह से उनका साथ देंगे.'
उन्होंने कहा कि हादसे की असली वजह जानने में अभी समय लगेगा. एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) और DGCA की जांच समिति इस पर काम कर रही है. शुरुआती रिपोर्ट आने में कम से कम एक महीना लग सकता है. चंद्रशेखरन के मुताबिक, फ्लाइट AI-171 का कोई पुराना रिकॉर्ड खराब नहीं थ. उन्होंने कहा, 'लोग तरह-तरह की बातें कर रहे हैं – पायलट की गलती, इंजन फेल, मेंटेनेंस की कमी, लेकिन इस विमान की सर्विस हिस्ट्री बिल्कुल साफ थी.' विमान के दाहिने इंजन को मार्च 2025 में नया लगाया गया था और बाएं इंजन की अगली सर्विस दिसंबर 2025 में होनी थी.
उन्होंने बताया कि विमान के कैप्टन सबरवाल के पास 11,500 घंटे की उड़ान का अनुभव था, जबकि फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर के पास 3,400 घंटे का अनुभव था. “ये दोनों बेहद अनुभवी और प्रोफेशनल थे. उन्होंने आगे कहा, 'जब एयर इंडिया को पहले मिले DGCA के नोटिसों और फाइन के बारे में पूछा गया, तो चेयरमैन ने साफ किया कि उनका इस हादसे वाली फ्लाइट से कोई संबंध नहीं है. अगर कोई सेफ्टी का मामला होता, तो DGCA उस फ्लाइट को उड़ान की मंजूरी ही नहीं देता,'
AI-171 हादसे के बाद सोशल मीडिया पर टर्किश टेक्निक द्वारा मेंटेनेंस से जुड़ी अफवाहों पर भी उन्होंने जवाब दिया. ” उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे 33 में से किसी भी ड्रीमलाइनर की सर्विसिंग टर्किश टेक्निक नहीं करता. ज्यादातर यर इंडिया इंजीनियरिंग (AIESL) या सिंगापुर एयरलाइंस की SIA इंजीनियरिंग करती है.'
बोइंग 787 ड्रीमलाइनर की सेफ्टी को लेकर अमेरिकी व्हिसलब्लोअर्स की रिपोर्टों पर उन्होंने कहा, 'ये मामले अमेरिका में जांच के अधीन हैं, लेकिन 787 लंबे समय से उड़ रहे हैं और एयर इंडिया के पास 27 ऐसे विमान पहले से हैं. किसी में भी अब तक कोई चेतावनी या गड़बड़ी नहीं मिली.'
AI-171 हादसे के बाद एयर इंडिया की कई फ्लाइट्स रद्द होने या देरी से चलने पर भी लोगों ने नाराजगी जताई. इस पर चंद्रशेखरन ने कहा, 'DGCA ने हादसे के बाद सभी 787 विमानों की जांच का आदेश दिया, जिससे 33 में से 24 विमानों को ग्राउंड किया गया. ईरान क्षेत्र के एयरस्पेस में टकराव की आशंका के कारण रूट डायवर्जन हुआ. कुछ तकनीकी जांचें भी लाइन चेक में की गईं. हम रोज 1,100 से ज्यादा उड़ानें करते हैं. पिछले कुछ दिनों में रोज 5 से 18 फ्लाइट्स रद्द करनी पड़ीं. हमें अब अपनी पैसेंजर कम्युनिकेशन को बेहतर बनाना होगा'