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India Daily

स्टील, फार्मा और केमिकल... ट्रंप के 50% टैरिफ से भारत के ये सेक्टर हो सकते हैं तबाह

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिससे कुल शुल्क 50% हो जाएगा. यह निर्णय भारत द्वारा रूस से तेल खरीद जारी रखने के चलते लिया गया है. इससे भारतीय निर्यात, खासकर ऑटो, टेक्सटाइल, फार्मा और स्टील सेक्टर पर गंभीर असर पड़ने की आशंका है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
US has imposed an additional 25 percent tariffs on India
Courtesy: web

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जिससे अब भारतीय उत्पादों पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगने वाला है.

यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब भारत की रूस से तेल खरीद जारी है और ट्रंप ने इसी को वजह बताते हुए भारत को दंडात्मक आर्थिक कार्रवाई के दायरे में लिया है. ट्रंप ने अपने पहले टैरिफ के लागू होने से महज 14 घंटे पहले इस अतिरिक्त शुल्क वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर किए.

50 प्रतिशत टैरिफ का मतलब क्या है?

इस फैसले का सीधा असर भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर पड़ेगा. खासतौर पर ऑटो पार्ट्स, टेक्सटाइल, और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में अमेरिकी बाजार में भारतीय उत्पाद अब पहले से कहीं अधिक महंगे हो जाएंगे. इसका मतलब है कि वहां के उपभोक्ताओं के लिए ये सामान कम आकर्षक होंगे और भारतीय निर्यातकों को प्रतिस्पर्धा में भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है.

स्टील, फार्मा और केमिकल सेक्टर को झटका

ट्रंप के इस फैसले से स्टील, केमिकल और फार्मास्युटिकल सेक्टर को बड़ा झटका लग सकता है. अमेरिका इन सेक्टरों से भारी मात्रा में आयात करता रहा है, लेकिन अब अतिरिक्त शुल्क के चलते इन उत्पादों की मांग में कमी आने की आशंका है. इससे न केवल भारत की इन इंडस्ट्रीज़ पर दबाव बढ़ेगा, बल्कि रोजगार और उत्पादन पर भी असर पड़ सकता है.

व्यापार संतुलन पर क्या होगा असर

भारत और अमेरिका के बीच पहले से ही व्यापार असंतुलन की स्थिति रही है. अमेरिका लगातार भारत से अधिक आयात करता रहा है, लेकिन इस टैरिफ के बाद यह असंतुलन और बढ़ सकता है. अमेरिका की कोशिश होगी कि वह दूसरे विकल्पों की तलाश करे और भारत के बदले अन्य देशों से सामान मंगवाए, जिससे भारत के लिए यह एक दीर्घकालिक आर्थिक चुनौती बन सकती है.

आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव की संभावना

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप के इस कदम से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भी बदलाव हो सकता है. अमेरिकी कंपनियां अब भारतीय उत्पादों के बजाय सस्ते विकल्पों की ओर रुख कर सकती हैं, खासकर वियतनाम, बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे देशों से. इससे भारत की वैश्विक व्यापार हिस्सेदारी पर भी असर पड़ सकता है और सरकार को रणनीतिक बदलाव की ज़रूरत महसूस हो सकती है.