menu-icon
India Daily

बंकर बस्टर, फाइटर जेट और युद्धपोत, ईरान के खिलाफ अमेरिका ने कर ली तैयारी

पेंटागन ने मध्य पूर्व में अतिरिक्त लड़ाकू विमान, ईंधन भरने वाले टैंकर विमान और युद्धपोतों को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया है. यह तैनाती न केवल रक्षात्मक है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि अमेरिका अब आर-पार की लड़ाई में मूड में है.

auth-image
Edited By: Gyanendra Sharma
warships America
Courtesy: Social Media

ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच संयुक्त राज्य अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपनी सैन्य उपस्थिति को और मजबूत कर लिया है. इस कदम का उद्देश्य इजराइल को ईरानी हमलों से बचाने के साथ-साथ क्षेत्र में तैनात अमेरिकी सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने इन तैनातियों की पुष्टि करते हुए कहा कि यह कदम हमारे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है.

पेंटागन ने मध्य पूर्व में अतिरिक्त लड़ाकू विमान, ईंधन भरने वाले टैंकर विमान और युद्धपोतों को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया है. यह तैनाती न केवल रक्षात्मक है, बल्कि यह भी संकेत देती है कि अमेरिका इस संघर्ष में गहरी भागीदारी के लिए तैयार हो सकता है. हाल के दिनों में, ईरान ने इजराइल पर सैकड़ों ड्रोन और बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं, जिसके जवाब में इजराइल ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले किए. इस बढ़ते संघर्ष ने क्षेत्रीय अस्थिरता की आशंका को बढ़ा दिया है.

अमेरिकी रक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मध्य पूर्व में लगभग 40,000 अमेरिकी सैनिक पहले से ही तैनात हैं. इनमें कुवैत, कतर, इराक और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में स्थित सैन्य अड्डे शामिल हैं. अल उदेद एयर बेस, जो अमेरिकी सेंट्रल कमांड का क्षेत्रीय मुख्यालय है, 10,000 से अधिक सैनिकों को समायोजित कर सकता है. इसके अलावा, हाल ही में बी-2 स्टील्थ बॉम्बर और अतिरिक्त विमानवाहक पोतों को क्षेत्र में भेजा गया है, जो अमेरिका की सैन्य शक्ति को और बढ़ाता है.

रक्षा सचिव का बयान

रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने 16 जून को फॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि हम क्षेत्र में रक्षात्मक रूप से तैनात हैं ताकि शांति की दिशा में मजबूत रहें. उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिकी सेना ने इजरायल के आक्रामक हमलों में हिस्सा नहीं लिया है, लेकिन ईरान को चेतावनी दी गई है कि अमेरिकी सैनिकों पर कोई भी हमला भारी जवाबी कार्रवाई को न्योता देगा. यह बयान इस बात का संकेत है कि अमेरिका क्षेत्र में अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए युद्ध से बचने की कोशिश कर रहा है.

ईरान की चेतावनी

ईरान ने अमेरिका को इस संघर्ष में शामिल होने के खिलाफ कड़ी चेतावनी दी है. ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने कहा कि अमेरिकी सैन्य हस्तक्षेप से "अपूरणीय क्षति" होगी. ईरानी अधिकारियों ने दावा किया है कि अगर अमेरिका इजराइल के साथ मिलकर ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करता है तो ईरान अमेरिकी सैन्य अड्डों को निशाना बनाएगा.