New Virus In Bats: चीन के युन्नान प्रांत में चमगादड़ों में 20 नए वायरस की खोज ने वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ा दी है. इनमें से दो वायरस, युन्नान बैट हेनिपावायरस 1 और 2, घातक निपाह और हेंड्रा वायरस से मिलते-जुलते हैं, जो इंसानों में मस्तिष्क की सूजन और सांस संबंधी गंभीर बीमारियां पैदा कर सकते हैं. एलओएस पैथोजेन्स जर्नल में प्रकाशित इस रिसर्च ने चमगादड़ों के पेशाब के जरिए वायरस फैलने की संभावना को उजागर किया है, जिससे मानव और पशुओं में इंफेक्शन का खतरा बढ़ गया है.
युन्नान इंस्टीट्यूट ऑफ एंडेमिक डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के शोधकर्ताओं ने 2017 से 2021 के बीच 10 प्रजातियों की 142 चमगादड़ों की किडनी के नमूनों का विश्लेषण किया. इस रिसर्च में 22 वायरस पाए गए, जिनमें 20 पहले कभी नहीं देखे गए. दो हेनिपावायरस, जो निपाह (35-75% मृत्यु दर) और हेंड्रा (घोड़ों और इंसानों में घातक) से निकटता रखते हैं, विशेष रूप से चिंताजनक हैं. इसके अलावा, एक नया प्रोटोजोआ पैरासाइट (क्लोसिएला युन्नानेंसिस) और एक नया बैक्टीरिया (फ्लेवोबैक्टीरियम युन्नानेंसिस) भी खोजा गया.
रिसर्च में पाया गया कि ये वायरस चमगादड़ों की किडनी में मौजूद हैं, जो पेशाब उत्पादन का केंद्र है. चमगादड़ों के पेशाब से दूषित फल या पानी के जरिए ये वायरस इंसानों या पशुओं तक पहुंच सकते हैं. ये चमगादड़ युन्नान के फल बागानों और गांवों के पास रहते हैं, जिससे मानव संपर्क की संभावना बढ़ जाती है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि दूषित फल खाने से वायरस का 'स्पिलओवर' हो सकता है, जैसा कि निपाह के पिछले प्रकोपों में देखा गया.
फिलहाल कोई तात्कालिक महामारी का खतरा नहीं है, लेकिन विशेषज्ञ सतर्क हैं. मॉनाश यूनिवर्सिटी मलेशिया के वायरोलॉजिस्ट विनोद बालासुब्रमण्यम ने कहा, 'किडनी में वायरस की मौजूदगी और फल बागानों की निकटता चिंताजनक है.' कोविड-19 जैसे पिछले प्रकोपों ने दिखाया है कि चमगादड़ों से वायरस का मानव में स्थानांतरण संभव है. हालांकि, सिडनी यूनिवर्सिटी की वन्यजीव रोग विशेषज्ञ एलिसन पील ने बताया कि इन वायरसों की मानव इंफेक्शन क्षमता की पुष्टि के लिए और प्रयोगशाला रिसर्च जरूरी हैं.
मानव गतिविधियां जैसे जंगलों का विनाश और जलवायु परिवर्तन ने इंसानों और वन्यजीवों के बीच संपर्क बढ़ा दिया है. युन्नान में चमगादड़ फल बागानों में रहते हैं, जहां वे फल खाते और दूषित करते हैं. यह स्थिति वायरस के फैलने का जोखिम बढ़ाती है. निपाह और हेंड्रा के पिछले प्रकोपों में पशु (जैसे सुअर और घोड़े) मध्यस्थ के रूप में उभरे थे.