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प्रोफेशनल शूटर, कुश्ती संघ के अध्यक्ष, आखिर कौन हैं बृजभूषण सिंह के छोटे बेटे करण भूषण सिंह?

Karan Bhushan Singh: भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के छोटे बेटे करण भूषण सिंह इस बार कैसरगंज लोकसभा से प्रत्याशी हैं. करण भूषण सिंह के काफिले ने तीन लोगों को बुधवार को रौंद दिया. इस हादसे में 2 की मौत हो गई जबकि 1 गंभीर रूप से घायल हो गया.

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Edited By: India Daily Live
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Courtesy: social media

Karan Bhushan Singh: यूपी की कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी करण भूषण सिंह मैदान में हैं. यूपी की यह सीट राजनीतिक समीकरणों के हिसाब से बेहद खास है. यह सीट इस  कारण भी खास है, क्योंकि यहां से मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के टिकट को काटकर बीजेपी ने उनके छोटे बेटे को मैदान में उतारा है. वर्तमान में वे कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं. करण एक बेटा और बेटी के पिता भी है.

13 दिसंबर 1990 में जन्मे करण भूषण सिंह डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाड़ी रह चुके हैं. इसके साथ ही उन्होंने डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से बीबीए और एलएलबी की डिग्री भी ले रखी है. जानकारी के मुताबिक उन्होंने ऑस्ट्रेलिया से बिजनेस मैनेजमेंट में डिप्लोमा भी किया है. अभी वे कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं. 

सहकारी बैंक के भी हैं अध्यक्ष 

करण अभी सहकारी ग्राम विकास बैंक नवाबगंज गोण्डा के अध्यक्ष भी हैं. वे पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. करण ने 3 मई को अपना नामांकन दाखिल किया था. बीती फरवरी 2024 में इनको उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना गया था. इनके पिता बृजभूषण शरण सिंह भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. करण के बड़े भाई प्रतीक भूषण सिंह बीजेपी से विधायक हैं. 

पिता रह चुके हैं तीन बार इसी सीट से सांसद

करण के पिता बृजभूषण दो बार गोण्डा, एक बार बहराइच और तीन बार कैसरगंज लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं. वे सपा के टिकट पर भी चुनाव लड़े थे और जीते भी थे. कैसरगंज सीट से वे सपा के टिकट पर ही अपना पहला चुनाव जीते थे. 

2008 में हो गए थे निलंबित 

साल 2008 में यूपीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर क्रॉस वोटिंग के आरोप में बीजेपी ने उन्हें पार्ट से निलंबित कर दिया था. इसके बाद वे सपा के टिकट पर 2009 में मैदान में उतरे थे और जीत गए थे. 2014 के चुनावों के दौरान वे वापस बीजेपी में आ गए और कैसरगंज सीट से सांसद चुने गए. इसके बाद 2019 में भी उन्होंने चुनाव जीता और संसद पहुंचे.