'दबदबा तो है, दबदबा रहेगा..' ये दावा करने वाले कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह को अभी तक भारतीय जनता पार्टी ने टिकट नहीं दिया है. उम्मीदवारों की 11वीं लिस्ट आ गई है लेकिन कैसरगंज पर पार्टी मौन है. दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी ने भदोही सीट से भी आज उम्मीदवार उतार दिया लेकिन कैसरगंज पर सस्पेंस है. यूपी की सारी सीटें एक-के बाद एक फाइनल हो रहीं हैं लेकिन कैसरगंज है कि बीजेपी कोई फैसला नहीं कर रही है. महिला पहलवानों के आरोपों से घिरने वाले बृजभूषण शरण सिंह कह तो रहे हैं कि पार्टी उनसे प्यार करती है, लेकिन इंतजार लंबा हो चला है.
बीजेपी ने यूपी के लगभग सभी सीटों पर अपने कैंडिडेट्स का ऐलान कर दिया है. कैसरगंज से किसे उतारा जाएगा ये तय नहीं किया गया है. पार्टी वेट एंड वॉच का फॉर्मूला अपना रही है. स्थिति ही कुछ ऐसी है. यहां जीत-हार से ज्यादा चर्चा टिकट कटने और मिलने को लेकर है. पहलवानों के आरोप और विरोध-प्रदर्शन से बृजभूषण शरण सिंह की छवि को धक्का तो लगा है, लेकिन पार्टी भी उन्हें नजरअंदाज करने की स्थिति में नही है.
बृजभूषण शरण सिंह का प्रभाव गोंडा से लेकर अयोध्या तक है. कैसरगंज सीट से वे 2009 से सांसद हैं. 2019 के आम चुनाव में उन्होंने बसपा के चंद्रदेव राम यादव को हराया था. बीजेपी के लिए उन्हें साइडलाइन करना आसान नहीं है. अवध के कुछ सीटों पर उनका प्रभाव है. बहराइच, गोंडा, बलरामपुर, श्रीवस्ती और अयोध्या में उनके 50 से अधिक स्कूल-कॉलेज हैं. इस क्षेत्र में उनकी पकड़ मजबूत है. टिकट कटा तो बीजेपी को नुकसान हो सकता है.
बृजभूषण शरण सिंह का ठाकुर के साथ-साथ ओबीसी में अच्छी पकड़ है. कैसरगंज में राजपूत समुदाय की संख्या ज्यादा है, गोंडा के तीन विधानसभा सीटों पर ब्राह्मण समुदाय की संख्या सबसे अधिक है. बृजभूषण गोंडा, बलरामपुर और कैसरगंज से 6 बार सांसद रह चुके हैं. उनके बेटे प्रतीक भूषण सिंग गोंडा सदर से विधायक हैं.
कैसरगंज लोकसभा में पयागपुर, कैसरगंज, कटरा बाजार, कर्नलगंज और तरबगंज पांच विधानसभा सीटें हैं. गोंडा में कर्नलगंज, कटरा बाजार तथा तरबगंज विधानसभा सीट आती हैं. इसन सभी विधानसभा सीटों पर बृजभूषण शरण सिंह का प्रभाव बताया जाता है. कैसरगंज के जातीय समीकरण को देंखे तो यह क्षत्रिय बहुल इलाका है. 2011 की जनगणना के अनुसार कैसरगंज में दलित मतदाताओं की संख्या 14 फीसद है. इलाके में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 25.27 फीसद है. बीजेपी बृजभूषण सिंह के दबदबे को लेकर ऐसे पशोपेश में फंसी है कि वह हां या न कुछ भी सोच नहीं पा रही है.