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ED, CBI पड़ी है पीछे फिर भी जहां फैलाया धंधा, वहां की पार्टियों को दिया चंदा, आखिर सैंटियागो मार्टिन है कौन?

Santiago Martin Full Story: लॉटरी किंग कहे जाने वाले सैंटियागो मार्टिन को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में फौरी राहत दे दी है.

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India Daily Live
Santiago Martin
Courtesy: Social Media

इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा जारी किए जाने के बाद 'लॉटरी किंग' के नाम से मशहूर सैंटियागो मार्टिन एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने सैंटियागो मार्टिन को एक और राहत दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने एक स्पेशल कोर्ट में चल रहे मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस के ट्रायल को टाल दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस भी जारी किया है. उनके वकीलों की दलील थी कि मूल केस की सुनवाई खत्म होने के बाद ही PMLA केस में सुनवाई की जा सकती है. बता दें कि सैंटियागो मार्टिन के खिलाफ सीबीआई, इनकम टैक्स विभाग और ईडी ने टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे केस दर्ज किए हैं.

CBI ने कथित लॉटरी घोटाले के केस में साल 2014 में सैंटियागो मार्टिन और अन्य के खिलाफ एक चार्जशीट दायर की थी. इसी के आधार पर ईडी ने 11 जून 2018 को सैंटियागो मार्टिन समेत कुल 7 लोगों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया था. दरअसल, हाल ही में केरल के एर्नाकुलम की स्पेशल PMLA कोर्ट ने सीबीआई केस का फैसला आने तक मनी लॉन्ड्रिंग केस का ट्रायल टालने की मार्टिन की अपील को ठुकरा दिया था.

कौन है सैंटियागो मार्टिन? 

इसी साल 9 मार्च को ईडी ने सैंटियागो मार्टिन के दामाद आढव अर्जुन के तमिलनाडु स्थित ठिकानों पर छापेमारी की. यही सैंटियागो मार्टिन उस फ्यूचर गेमिंग कंपनी के मालिक हैं जिसने इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए अलग-अलग पार्टियों को कुल 1368 करोड़ रुपये दिए. हैरानी की बात यह है कि सैंटियागो मार्टिन लगभग दो दशकों से केंद्रीय एजेंसियों जैसे कि सीबीआई, इनकम टैक्स विभाग और ईडी के रडार पर हैं.

मार्टिन के बारे में कहा जाता है कि 1980 के दशक में वह म्यांमार में मजदूरी किया करते थे. बाद में वह भारत में कोयंबटरकू में आकर बस गए और चाय की दुकान में काम करने लगे. धीरे-धीरे वह लॉटरी की दुनिया में उतरे और खुद की लॉटरी टिकट बेचने वाली दुकान खोल ली. रिपोर्ट के मुताबिक, सैंटियागो मार्टिन ने 2 अंकों वाले लॉटरी टिकट बेचने की शुरुआत की और साल 2001 में सिक्किम, तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश में 1.2 करोड़ टिकट बेच डाले.

जहां-जहां धंधा, वहां दिया चंदा

आरोपों के मुताबिक, सैंटियागो मार्टिन के तमिलनाडु की सत्तााधारी पार्टी डीएमके से करीबी संबंध रहे. मार्टिन ने साल 2000 में ही हर दिन लगभग 3.5 लाख रुपये सेल्स टैक्स तमिलनाडु सरकार को दिए. 2003 में लॉटरी पर बैन लगा तो सैंटियागो मार्टिन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा तक खटखटाया लेकिन वहां से राहत नहीं मिली. तमिलनाडु में दाल नहीं गली तो मार्टिन ने कर्नाटक और केरल में अपना धंधा फैलाया. मार्टिन ने कर्नाटक, पंजाब, बंगाल, सिक्किम और महाराष्ट्र में लॉटरी का धंधा शुरू कर दिया. सैंटियागो मार्टिन ने इन राज्यों की पार्टियों को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए खूब चंदा भी दिया है.

साल 2012 में जमीन पर अवैध कब्जा, अवैझ लॉटरी की बिक्री और तमिलनाडु में धोखाधड़ी जैसे एक दर्जन मामलों में सैंटियागो मार्टिन को गिरफ्तार कर लिया गया. 8 महीने जेल में बीते और तबह जाकर मार्टिन को जमानत मिली. साल 2014 में सीबीआई ने मार्टिन के खिलाफ 7 चार्जशीट फाइल की. इसमें सिक्किम, और केरल की सरकारों को चूना लगाने और लॉटरी टिकट के पूरे पैसे न देने का आरोप लगाया गया. इसके बाद से मार्टिन परिवार के लोग कई राजनीतिक दलों के साथ मंच साझा करते नजर आने लगे. बता दें कि तमाम राज्यों में मुकदमे झेल रहे सैंटियागो मार्टिन लगभ 114 कंपनियों में डायरेक्टर हैं.