Google बाबा की जय हो! जब भी हमें किसी सवाल का जवाब चाहिए होता है तो हम Google पर जाते हैं. यहां से हमें हमारे हर सवाल का जवाब मिल जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गूगल किस तरह से आपके हर सवाल का जवाब देता है? अगर आपको नहीं पता है और आप जानना चाहते हैं तो चलिए आपको गूगल का स्टेप बाय स्टेप प्रोसेस बताते हैं, जिससे वो आपके हर सवाल का जवाब देता है.
क्रॉलिंग: Google लगातार वेब को क्रॉल करता है, जिसमें वेब पेजों को ढूंढने और इंडेक्स करने के लिए ऑटोमेटेड बॉट्स का इस्तेमाल किया जाता है. यह प्रोसेस हमेशा चलता रहता है क्योंकि इंटरनेट पर हर समय नया कंटेंट आता रहता है.
इंडेक्सिंग: क्रॉलिंग के दौरान जितनी भी जानकारी इक्ट्ठा की जाती है उसे एक बड़े डाटाबेस में जमा किया जाता है. यह इंडेक्स एक बड़े कैटेलॉग की तरह काम करता है जिसमें गूगल किसी सवाल का जवाब ढूंढने के लिए चेक करता है.
रैंकिंग: जब कोई यूजर किसी क्वेरी को सबमिट करता है तो गूगल का सर्च एल्गोरिजम काम करने लगता है. यह एल्गोरिदम वेब पेजों की क्वालिटी और रेलेवेन्स को चेक करता है. इनमें कीवर्ड, पेज कंटेंट, बैकलिंक्स, यूजर्स एक्सपीरियंस समेत काफी कुछ शामिल हैं.
एल्गोरिथम में सुधार: Google लगातार ही सर्च एल्गोरिदम को अपडेट करता रहता है. इससे यूजर को ज्यादा एक्यूरेट और सही रिजल्ट मिलते हैं. इन अपडेट्स की मदद से नैचुरल लैंग्नवेज प्रोसेसिंग के साथ यूजर के सर्च एक्सपीरियंस में सुधार करना होता है.
पर्सनलाइजेशन: Google, सर्च रिजल्ट को पर्सनलाइज करने के लिए यूजर के डाटा पर भी विचार करता है. यूजर की लोकेशन, सर्च हिस्ट्री और प्रीफ्ररेंस के आधार पर कंटेंट का रिजल्ट प्रभावित होता है.
फीचर्ड स्निपेट: कुछ सवालों के लिए, Google सर्च रिजल्ट्स के टॉप पर एक फीचर्ड स्निपेट दिखाई देता है. यह वेब पेज से निकाली गई जानकारी की समरी होती है. यहां से भी यूजर को जानकारी मिल जाती है.