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Digital Arrest: आखिर लोग क्यों बार-बार हो रहे हैं डिजिटल अरेस्ट का शिकार?

Digital Arrest: फ्रॉड के मामले इतने ज्यादा बढ़ते जा रहे हैं कि लोग अपने जीवनभर की कमाई लगातार गंवा रहे हैं. आखिर लोग इतनी जागरुकता के बाद भी इस तरह के मामलों में क्यों फंस रहे हैं, चलिए जानते हैं.

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Edited By: Shilpa Srivastava
Digital Arrest
Courtesy: Freepik

Digital Arrest: हम आपको इससे पहले भी कई बार डिजिटल अरेस्ट के बारे में बता चुके हैं. डिजिटल अरेस्ट के शिकार होने की वजहें कई हैं और यह अब धीरे-धीरे गंभीर समस्या बन चुकी है. साइबर क्रिमिनल्स का शिकार अक्सर वही लोग बनते हैं जो अपने आस-पास के माहौल या चर्चाओं से अवगत नहीं रहते हैं. ये लोग डिजिटल दुनिया के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं या कम जानकारी रखते हैं. हालांकि, इसके पीछे कई और कारण हैं जिनके बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं. 

1. विश्वास का लाभ उठाना: साइबर स्कैमर आमतौर पर स्कैम का शिकार बनाने के लिए लोगों के विश्वास का फायदा उठाते हैं. वे फेक कॉल्स और मैसैेंज भेजकर यह जताते हैं कि वे सरकारी या कानूनी संस्थाओं से बात कर रहे हैं. जब लोगों को उन पर विश्वास हो जाता है या उन्हें इतना डरा दिया जाता है तो वो स्कैम का शिकार बन जाते हैं. 

2. स्मार्टफोन और इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल: आजकल ज्यादातर लोग स्मार्टफोन और इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन उनमें से बहुत से लोग साइबर सिक्योरिटी के प्रति जागरूक नहीं होते. इसलिए, वे ऐसे स्कैम का शिकार हो जाते हैं. साइबर स्कैमर कॉल या वॉट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म पर पर्सनल जानकारी हासिल कर लोगों को फंसाते हैं. 

3. साइक्लोजिकल प्रेशर और डर: डिजिटल अरेस्ट के मामलों में स्कैमर अक्सर व्यक्ति को मानसिक दबाव और डर में डालते हैं. वे कहते हैं कि उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. इससे लोग घबरा जाते हैं और बैंक डिटेल्स या अन्य पर्सनल जानकारी शेयर कर देते हैं. 

4. लीगल प्रोसेस: कभी-कभी लोग कानूनी प्रक्रियाओं को पूरी तरह से समझ नहीं पाते हैं. स्कैमर्स द्वारा भेजे गए नकली अरेस्ट वारंट या एफआईआर जैसी कागजी कार्यवाही देख कर लोग डर जाते हैं और गलती कर बैठते हैं. 

5. नए तरीकों से धोखाधड़ी: साइबर स्कैमर अपनी स्कैम के तरीके लगातार बदलते रहते हैं. वे समय-समय पर नई तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए धोखाधड़ी करते हैं, जैसे कि वॉट्सऐप कॉल्स, ईमेल या टेक्स्ट मैसेजेज के जरिए. 

6. कम जागरूकता और जानकारी की कमी: कई लोगों में डिजिटल एजुकेशन और साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता की कमी है. ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि अगर उन्हें संदिग्ध कॉल या मैसेज आता है तो उन्हें क्या करना चाहिए.