Digital Arrest: 2024 में हमने डिजिटल अरेस्ट के कई मामले देखे हैं जिसमें लोगों ने डर के साए में करोड़ों रुपये गंवा दिए हैं. साल खत्म होते-होते न जाने और कितने मामले देखने को मिलेंगे. हाल ही में एक नया मामला सामने आया है जिसमें एक रिटायर्ड अधिकारी को मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार करने का डर दिखाया गया और फिर उसे डिजिटल अरेस्ट कर 1.78 करोड़ रुपये ठग लिए गए. स्कैमर्स ने आरोपी को WhatsApp पर नकली अरेस्ट वारंट भेजा और फिर उन्हें नकली जांच में फंसाया.
6 नवंबर को विनोद के मोबाइल पर एक कॉल आई, जिसमें उसे बताया गया कि उसका नाम मनी लॉन्ड्रिंग केस में जुड़ा हुआ है और उसके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी हो चुका है. इसके बाद उसे WhatsApp पर एफआईआर और अरेस्ट वारंट की फोटोकॉपी भेजी गई. यह देखकर व्यक्ति घबरा गया. स्कैमर के कहने पर 11 नवंबर को सोनीपत जाने का वादा किया. फिर 12 नवंबर को दूसरी कॉल आई, जिसमें उसे धमकाया गया. फिर उसकी और उसके परिवार की बैंक डिटेल्स मांगी गई.
नकली जांच के दौरान, स्कैमर्स ने विनोद से पूछा की वो दिन में क्या-क्या करता है. इसके बाद उससे सरकारी अकाउंट बताकर अलग-अलग अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवाए. धीरे-धीरे यह स्कैम बढ़ता गया और व्यक्ति को एहसास हुआ कि वो बुरी तरह से फंस चुका है. स्कैमर्स ने उसे लगातार बैंक डिटेल्स देने और पैसे ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया.
17 नवंबर को स्कैमर्स ने सुरक्षा का हवाला देते हुए विनोद और उसकी पत्नी को एक होटल में रहने के लिए भेज दिया, जहां उन्होंने और पैसे ट्रांसफर करवाने की कोशिश की. 14 से 20 नवंबर तक विनोद ने साइबर स्कैमर्स के कहने पर लगभग 1.78 करोड़ रुपये कई बैंक अकाउंट्स में ट्रांसफर किए. यह रकम वे सरकारी अकाउंट्स में वेरिफाई करने के नाम पर मांगते रहे.
आखिरकार व्यक्ति को एहसास हुआ कि वो स्कैम में पूरी तरह से फंस चुका है और इसके बाद उसने साइबर सेल को इसकी जानकारी दी. सोनीपत साइबर थाना में मामला दर्ज किया गया और अब जांच जारी है.