Javed Akhtar Emotional: मशहूर गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने मुंबई में अपने 61 साल के सफर को याद करते हुए एक भावुक संदेश शेयर किया है. 4 अक्टूबर 1964 को मात्र 19 साल की उम्र में वह मुंबई आए थे, जेब में सिर्फ 27 नये पैसे लेकर. शनिवार को अपने इस लंबे सफर पर नजर डालते हुए उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने बेघर होने, भूखमरी और बेरोजगारी का सामना किया, फिर भी जिंदगी ने उनके साथ बहुत उदारता दिखाई.
80 साल के जावेद अख्तर ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, '4 अक्टूबर 1964 को एक 19 साल का लड़का 27 नये पैसे लेकर बॉम्बे सेंट्रल स्टेशन पर उतरा था. उसने बेघरपन, भूख और बेरोजगारी देखी, लेकिन जब मैं अपने जीवन को देखता हूं, तो लगता है कि जिंदगी मेरे प्रति बहुत मेहरबान रही.'
On 4th October 1964 a 19 year old boy had disembarked at Bombay central station with 27 naya paisa in his pocket . Went through homelessness , starvation , unemployment but when I look at the grand total i feel life has been too kind to me . For that I can not but help but thank…
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— Javed Akhtar (@Javedakhtarjadu) October 4, 2025
उन्होंने आगे लिखा, 'इसके लिए मैं मुंबई, महाराष्ट्र, अपने देश और उन सभी लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं, जिन्होंने मेरे काम को सराहा. धन्यवाद, बहुत-बहुत धन्यवाद.' जावेद अख्तर का यह संदेश उनके संघर्ष और सफलता की कहानी को बयां करता है. मुंबई, जिसे सपनों का शहर कहा जाता है, में उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बेहद मुश्किल हालातों में की थी. लेकिन उनकी प्रतिभा और मेहनत ने उन्हें हिंदी सिनेमा में एक बड़ा मुकाम दिलाया. आज वह न केवल एक मशहूर गीतकार हैं, बल्कि उनकी लिखी पटकथाएं भी भारतीय सिनेमा में मील का पत्थर मानी जाती हैं.
उनके इस संदेश ने उनके प्रशंसकों को भी भावुक कर दिया. कई लोगों ने उनके पोस्ट पर टिप्पणी करते हुए उनकी प्रेरणादायक यात्रा की सराहना की. जावेद अख्तर की यह कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो मुश्किलों के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने की हिम्मत रखता है. उनका यह संदेश न सिर्फ उनकी जिंदगी की सादगी को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि मेहनत और लगन से कोई भी अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है.