सावन माह की शिवभक्ति में लीन भारत में कांवड़ यात्रा एक अद्वितीय आस्था और परंपरा का प्रतीक बन चुकी है. हर साल लाखों श्रद्धालु गंगाजल लाने के लिए सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा करते हैं. लेकिन इस बार हरिद्वार की गलियों में एक ऐसी जोड़ी ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा, जिसने न सिर्फ भक्ति, बल्कि जीवनसाथी के प्रति प्रेम और समर्पण की एक नई परिभाषा गढ़ दी. मोदीनगर की आशा ने अपने दिव्यांग पति को कंधों पर उठाकर जो यात्रा पूरी की, वह मिसाल बन गई है.
हरिद्वार की गलियों में जब हर हर महादेव के जयकारे लग रहे थे, उस वक्त आशा और सचिन की जोड़ी भक्तों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई थी. दरअसल आशा ने अपने दिव्यांग पति सचिन को कंधों पर बैठाकर 170 किलोमीटर की मुश्किल यात्रा पूरी की. साथ ही हरिद्वार के हर की पौड़ी से गंगाजल लाकर कनखल स्थित दक्षेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव का अभिषेक किया. यह दृश्य देखकर वहां मौजूद श्रद्दालुओं की आंखें गीली हो गईं. लोग इस जोड़ी की हिम्मत, प्यर और भक्ति की सराहना कर रहे हैं. आशा ने बताया कि वह पिछले साल ही यह प्रण ले चुकी थीं कि इस बार वह अपने पति की इच्छा जरूर पूरी करेगी.
सचिन, जो पिछले साल नस दबने की वजह से चलने-फिरने में असमर्थ हो गए थे, हर साल कांवड़ यात्रा किया करते थे. इस बार जब वे स्वयं नहीं जा पाए, तो उनकी पत्नी आशा ने उनकी जगह यह कठिन संकल्प लिया. आशा ने कहा कि उन्होंने हर की पौड़ी से गंगाजल भरने के बाद ही यात्रा शुरू की, क्योंकि उनके पति की इच्छा थी कि वे भगवान शिव की ससुराल माने जाने वाले दक्षेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक करें. सचिन ने भावुक होकर कहा, भगवान किस्मत वालों को ही ऐसी पत्नी देते हैं. मैंने जरूर कुछ अच्छे कर्म किए होंगे, तभी मुझे आशा जैसी जीवनसंगिनी मिली. वह घर, बच्चे और अब मुझे भी संभाल रही हैं.” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी भक्ति में कभी कोई कमी नहीं आई, चाहे हालात कैसे भी रहे.
गौरतलब है कि हरिद्वार में सावन के दौरान लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, इसलिए प्रशासन ने इस बार विशेष तैयारियां की हैं. जिला प्रशासन और पुलिस ने मिलकर यात्रा को सुचारू और सुरक्षित बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. हरिद्वार पुलिस के अनुसार, पूरे क्षेत्र में करीब 200 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, 8 ड्रोन से निगरानी की जा रही है और 1,500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. इसके अलावा कांवड़ियों के लिए विशेष मोबाइल ऐप लॉन्च किया गया है, जिसमें स्वच्छता और पर्यावरण जागरूकता से जुड़ी जानकारियां दी गई हैं. इन व्यवस्थाओं ने यात्रा को और भी सुविधाजनक और भव्य बना दिया है.