बिहार में मतदाता सूची को अद्यतन और पारदर्शी बनाने के लिए चल रहे SIR अभियान के पहले चरण का समापन हो गया है. चुनाव आयोग द्वारा 27 जून से 25 जुलाई तक चलाए गए इस चरण में राज्यभर के मतदाताओं की सक्रिय भागीदारी देखने को मिली. कुल 7.89 करोड़ संभावित मतदाताओं में से 7.24 करोड़ लोगों ने फॉर्म जमा कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया में अपनी रुचि दिखाई. हालांकि, अभियान के दौरान कुछ खामियां भी उजागर हुईं, जैसे 36 लाख मतदाताओं का कोई रिकॉर्ड नहीं मिलना और कई लोगों के नाम एक से अधिक जगहों पर दर्ज होना.
SIR अभियान का मुख्य उद्देश्य योग्य मतदाताओं को सूचीबद्ध करना और लोकतंत्र में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करना था. आयोग ने बताया कि इस चरण में कुल मतदाताओं का 91.69 प्रतिशत हिस्सा यानी 7.24 करोड़ लोगों ने वोटर फॉर्म भर दिए हैं. इस व्यापक प्रक्रिया में चुनाव आयोग, जिला प्रशासन, बीएलओ, बीएलए और 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रही. शहरों के 5683 वार्डों में विशेष शिविर लगाकर शहरी मतदाताओं को भी जोड़ने का प्रयास किया गया.
बिहार से बाहर रहने वाले प्रवासी मतदाताओं को जोड़ने के लिए आयोग ने 246 अखबारों में विज्ञापन दिए और लगभग 29 लाख प्रवासियों ने ऑनलाइन फॉर्म भरे. साथ ही 18 वर्ष के नए मतदाताओं को सूची में शामिल करने के लिए 1 अगस्त से 1 सितंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान उन्हें फॉर्म-6 भरने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे युवा पीढ़ी की भागीदारी और भी मजबूत हो सके.
अभियान के दौरान लगभग 36 लाख ऐसे मतदाता सामने आए जिनका कोई रिकॉर्ड नहीं मिला, वहीं 22 लाख मृतक मतदाताओं के नाम भी सूची में दर्ज पाए गए. 7 लाख लोगों के नाम एक से अधिक स्थानों पर दर्ज थे. इन खामियों को लेकर कुछ राजनीतिक दलों और संगठनों ने सवाल उठाए हैं. आयोग ने स्पष्ट किया है कि यह सिर्फ प्रारंभिक सूची है और 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच दावे-आपत्तियों की प्रक्रिया चलेगी, जिसमें इन त्रुटियों को सुधारा जाएगा.
चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे अपने 1.6 लाख बीएलए को सक्रिय करें और 1 अगस्त से 1 सितंबर तक दावे और आपत्तियां दर्ज कराएं. आयोग ने यह भी दोहराया कि बिना सूचना और कारण के किसी का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा. इसके साथ ही आयोग ने मतदाताओं को यह आश्वासन भी दिया है कि वे अपील कर सकते हैं यदि उन्हें किसी निर्णय से आपत्ति हो. इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए SMS द्वारा पुष्टि भेजी जा रही है और हर शिकायत का व्यक्तिगत समाधान किया जा रहा है.