उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक मजबूत महिला नेता के रूप में पहचान रखने वाली गुलाबो देवी मंगलवार को एक दर्दनाक हादसे का शिकार हो गईं. दिल्ली से बिजनौर लौटते समय पिलखुवा क्षेत्र के एनएच-9 पर उनके काफिले की गाड़ियां आपस में टकरा गईं, जिसमें वे खुद गंभीर रूप से घायल हो गईं. हादसे की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया और मंत्री समेत अन्य घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह हादसा पिलखुवा कोतवाली क्षेत्र में एनएच-9 पर उस वक्त हुआ जब गुलाबो देवी का काफिला छिजारसी टोल प्लाजा के पास से गुजर रहा था. काफिले में शामिल एक गाड़ी ने अचानक ब्रेक लगा दिया, जिससे पीछे चल रही अन्य गाड़ियों को भी अचानक रुकना पड़ा. इसी दौरान मंत्री की गाड़ी के चालक ने समय पर ब्रेक नहीं लगाया और उनकी गाड़ी आगे चल रही गाड़ी से भिड़ गई. टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मंत्री को गंभीर चोटें आईं हैं. उनके साथ चल रहे सुरक्षाकर्मी और अन्य अधिकारी भी घायल हो गए हैं.
हादसे के बाद गुलाबो देवी को तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. फिलहाल डॉक्टरों की टीम उनकी निगरानी कर रही है. हालांकि उनकी स्थिति को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया गया है. मौके पर पहुंची पुलिस ने दुर्घटना की जांच शुरू कर दी है और काफिले की क्षतिग्रस्त गाड़ियों को हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है.
#WATCH हापुड़ (यूपी): यूपी की मंत्री गुलाब देवी कार दुर्घटना में घायल हुई। वीडियो अस्पताल से है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 8, 2025
भाजपा नेता नरेश तोमर ने कहा, "हमारी मंत्री गुलाबों देवी जी दिल्ली जा रही थी लेकिन टोल पर एक गाड़ी ने अचानक से ब्रेक लगाया जिसके कारण तीन गाड़ियां आपस में टकरा गई। इसी घटना में मंत्री… pic.twitter.com/8inyO36hih
गुलाबो देवी उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक अनुभवी और प्रभावशाली चेहरा हैं. वे संभल जिले की चंदौसी विधानसभा सीट से लगातार पांचवीं बार विधायक चुनी गई हैं. वर्ष 1991 में पहली बार विधायक बनने के बाद उन्होंने 1996, 2002, 2017 और 2022 में भी जीत दर्ज की. शिक्षा के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव रहा है. वे चंदौसी के कन्या इंटर कॉलेज में राजनीति विज्ञान की शिक्षिका और बाद में प्रधानाचार्य के पद पर कार्यरत रहीं हैं. इसके बाद उन्होंने राजनीति में कदम रखा और भारतीय जनता पार्टी में 2008 से 2012 तक प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी निभाई. योगी आदित्यनाथ सरकार में उन्हें माध्यमिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका दी गई है.