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India Daily

'भारत में प्रेस 'सेंसरशिप' को लेकर चिंतित', एलन मस्क ने रॉयटर्स के X अकाउंट ब्लॉक होने के बाद दी प्रतिक्रिया

एक्स का दावा है कि भारत सरकार ने "सार्वजनिक आक्रोश" के बाद रॉयटर्स और रॉयटर्स वर्ल्ड के खातों को अनब्लॉक करने का अनुरोध किया था.

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Edited By: Mayank Tiwari
एलन मस्क की कंपनी X ने जताई चिंता
Courtesy: Social Media

एलन मस्क के स्वामित्व वाली सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) ने मंगलवार को भारत में “लगातार प्रेस सेंसरशिप” को लेकर गहरी चिंता जताई. यह बयान तब आया जब कुछ दिन पहले वैश्विक समाचार एजेंसी रॉयटर्स का अकाउंट भारत में ‘रोक’ दिया गया था.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सोशल मीडिया के रिपोर्ट के मुताबिक, X के ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर्स अकाउंट ने दावा किया कि 3 जुलाई को भारत सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69A के तहत 2,355 अकाउंट्स को ब्लॉक करने का आदेश दिया, जिसमें रॉयटर्स का अकाउंट भी शामिल था. 

सरकारी आदेश और X की प्रतिक्रिया

X ने अपने बयान में कहा, “इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने तत्काल कार्रवाई की मांग की- एक घंटे के भीतर- बिना कोई औचित्य दिए, और आदेश दिया कि अकाउंट्स को अगले नोटिस तक ब्लॉक रखा जाए.” X ने यह भी बताया कि इस आदेश का पालन न करने पर “आपराधिक दायित्व” का जोखिम था. कंपनी ने इस कार्रवाई को प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला बताया और कहा कि वह सभी कानूनी विकल्पों की तलाश कर रही है.

X ने अपनी पोस्ट में कहा, “हम भारत में चल रहे प्रेस सेंसरशिप को लेकर गहरी चिंता में हैं. X सभी उपलब्ध कानूनी विकल्पों की तलाश कर रहा है. भारत में मौजूद उपयोगकर्ताओं के विपरीत, भारतीय कानून X को इन कार्यकारी आदेशों के खिलाफ कानूनी चुनौती देने से रोकता है. हम प्रभावित उपयोगकर्ताओं से आग्रह करते हैं कि वे अदालतों के माध्यम से कानूनी उपाय तलाशें.

रॉयटर्स अकाउंट पर विवाद

रॉयटर्स और रॉयटर्स वर्ल्ड के अकाउंट्स को “सार्वजनिक आक्रोश” के बाद अनब्लॉक करने की मांग की गई. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने अगले दिन दावा किया कि रॉयटर्स के हैंडल को रोकने की कोई सरकारी आवश्यकता नहीं थी, और वे “X के साथ इस समस्या को हल करने के लिए लगातार काम कर रहे हैं.” मंत्रालय के कुछ अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई किसी “तकनीकी खराबी” के कारण हो सकती है.