Sawan 2025: श्रावण मास के पहले सोमवार को देशभर में शिव भक्तों की श्रद्धा और आस्था का अद्भुत नजारा देखने को मिला. काशी विश्वनाथ मंदिर में भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद की गई. सावन का महीना भगवान शिव की उपासना का प्रतीक है, जिसमें भक्त रुद्राभिषेक, मंत्र जाप और उपवास के माध्यम से भक्ति प्रकट करते हैं और बाबा विश्वनाथ के दर्शन पूजन के लिए दरबार में आते हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वाराणसी के पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि भीड़ नियंत्रण के लिए पिछले एक महीने से तैयारियां चल रही थीं. प्रयागराज से आने वाले कांवड़ियों के लिए अलग लेन बनाई गई, सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की जा रही है, तथा जगह-जगह बैरिकेड्स लगाए गए हैं. श्रद्धालु सुबह से ही लंबी कतारों में दर्शन के लिए खड़े दिखे.
#WATCH | Varanasi, Uttar Pradesh | The district administration showers flower petals on the devotees standing in queue to offer prayers at the Kashi Vishwanath temple.
The flower shower was completed in the presence of Police Commissioner Mohit Agarwal, DM Satyendra Kumar,… pic.twitter.com/TeTLtcXrQL
— ANI (@ANI) July 14, 2025
वाराणसी में काशी विश्वनाथ के साथ - साथ उज्जैन, अयोध्या, दिल्ली, देवघर, लखनऊ, गुवाहाटी से लेकर मुंबई और जयपुर तक हजारों श्रद्धालु मंदिरों में पूजा-अर्चना के लिए उमड़ पड़े. इस वर्ष सावन मास 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगा. यह भगवान शिव की आराधना का विशेष समय माना जाता है, और हर सोमवार का दिन शिव को समर्पित होता है. उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के साथ दिन की शुरुआत हुई. बाबा महाकाल को पंचामृत से स्नान कराने के बाद भस्म अर्पित की गई. मंदिर परिसर वैदिक मंत्रों, शंखध्वनि और भजनों से गूंज उठा.
उत्तर प्रदेश के परशुरामेश्वर मंदिर, गाजियाबाद के दूधेश्वर महादेव मंदिर, दिल्ली के गौरीशंकर मंदिर, श्यामनाथ मंदिर, लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर और अयोध्या के क्षीरेश्वरनाथ मंदिर में भी भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. सभी स्थानों पर दर्शन के लिए लंबी कतारें लगी रहीं.
देवघर के बैद्यनाथ धाम, एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग, में देशभर से आए शिवभक्तों ने जलाभिषेक और विशेष पूजा-अर्चना की. गुवाहाटी के सुकरेश्वर मंदिर, मुंबई के बाबुलनाथ मंदिर और जयपुर के झारखंड महादेव मंदिर में भी यही दृश्य देखने को मिला.
मेरठ के काली पलटन मंदिर, ग्वालियर के अचलेश्वर मंदिर और दिल्ली के छतरपुर मंदिर में भी भक्तों ने भगवान शिव की भक्ति में लीन होकर पूजा की. इस पवित्र मास में रुद्राभिषेक, उपवास, शिव मंत्रों का जाप और भक्ति गीतों के माध्यम से श्रद्धालु अपनी आस्था प्रकट करते हैं.
सावन के प्रत्येक सोमवार को विशेष रूप से शुभ माना जाता है। कई भक्त इस दौरान उपवास रखते हैं और फल, दूध व सात्विक भोजन से ही जीवन यापन करते हैं. घरों और मंदिरों में समान श्रद्धा और भक्ति के साथ भगवान शिव की आराधना की जाती है.