उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के बंद किए जाने के विरोध में आम आदमी पार्टी द्वारा चलाए जा रहे "स्कूल बचाओ अभियान" के तहत राज्यसभा सांसद संजय सिंह 10 जुलाई को लखनऊ के बीकेटी क्षेत्र के सहपुरवा गांव पहुंचे. यहां का स्कूल बंद कर दिया गया है, जिससे दलित, पिछड़े और गरीब तबके के बच्चे अब पढ़ाई से वंचित हो गए हैं. संजय सिंह ने अभिभावकों के साथ मिलकर लगभग ढाई किलोमीटर दूर मर्ज किए गए स्कूल तक पैदल यात्रा की और इस कदम को बच्चों के भविष्य के साथ अन्याय बताया.
सहपुरवा गांव में दौरे के दौरान संजय सिंह ने बताया कि जिन बच्चों का स्कूल बंद कर दिया गया है, उन्हें अब व्यस्त सड़क, जंगल और जानवरों के बीच से ढाई किलोमीटर दूर स्कूल जाना पड़ता है. उन्होंने कहा, “इन मासूमों ने क्या गुनाह किया है जो उन्हें जान जोखिम में डालकर इतनी दूर पैदल जाना पड़ रहा है?” संजय सिंह ने यह भी कहा कि आरटीई एक्ट (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के अनुसार, प्राथमिक स्कूल एक किलोमीटर के भीतर होना चाहिए, लेकिन यहां सरकार खुद कानून तोड़ रही है.
एक महिला अभिभावक ने बताया कि गांव में कई बच्चे स्कूल में दाखिले के लिए तैयार थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें एडमिशन देने से मना कर दिया. संजय सिंह ने आरोप लगाया कि यह फैसला जानबूझकर दलितों और पिछड़े वर्ग के बच्चों को शिक्षा से दूर रखने के लिए लिया गया है. उन्होंने सरकार से अपील की कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी खुद आकर देखें कि किस तरह बच्चों का भविष्य अंधकार में धकेला जा रहा है.
संजय सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी इस अन्याय के खिलाफ सड़क से संसद तक लड़ाई लड़ेगी. उन्होंने ऐलान किया कि पार्टी जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट तक जाएगी ताकि बच्चों को उनका शिक्षा का अधिकार मिल सके. उन्होंने यह भी कहा कि “स्कूल बचाओ अभियान” सिर्फ स्कूलों को फिर से खोलने का आंदोलन नहीं है, बल्कि यह बच्चों का भविष्य बचाने की लड़ाई है.
संजय सिंह ने साफ किया कि 27,000 प्राथमिक विद्यालयों को बंद करना उत्तर प्रदेश सरकार की एक जनविरोधी नीति है, जो गरीब और मध्यम वर्गीय बच्चों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इस तानाशाही के खिलाफ राज्यव्यापी जन आंदोलन छेड़ेगी और हर बंद स्कूल को दोबारा खुलवाने की लड़ाई लड़ेगी.
1. संजय सिंह ने उत्तर प्रदेश सरकार से तीन प्रमुख मांगें कीं:
2. सभी बंद प्राथमिक विद्यालयों को तुरंत फिर से शुरू किया जाए.
3. बच्चों को उनके गांव या मोहल्ले में ही शिक्षा पाने की सुविधा दी जाए.
4. शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए नए स्कूल खोलने और शिक्षकों की भर्ती की जाए, न कि स्कूलों को बंद किया जाए.
इस दौरान आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राजेश सिंह, अयोध्या प्रांत अध्यक्ष विनय पटेल, प्रिंस सोनी, नीलम यादव, महेंद्र सिंह, अंकित परिहार, माजिद, शादाब, पीके बाजपेई, प्रियंका श्रीवास्तव, पंकज यादव सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे. पार्टी ने अभिभावकों और आम जनता से इस आंदोलन में जुड़ने की अपील की है ताकि हर बच्चे को शिक्षा का हक दिलाया जा सके.