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India Daily

छांगुर से लेकर एके-47 के साथ महिला की तस्वीर तक, आगरा में दो बहनों की तलाश से खुला धर्मांतरण का सारा काला चिट्ठा

आगरा में दो बहनों की गुमशुदगी से खुला पाकिस्तान से जुड़ा अवैध धर्मांतरण रैकेट. दिल्ली, गोवा, यूपी, उत्तराखंड और हरियाणा तक फैले नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है. ईडी को विदेशी बैंक दस्तावेज मिले, जिसके बाद जांच जारी है.

Km Jaya
Edited By: Km Jaya
Changur ED raid
Courtesy: Social Media

Changur ED Raid: उत्तर प्रदेश के आगरा में एक बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट का खुलासा हुआ है, जिसका संबंध पाकिस्तान से होने की पुष्टि खुद आगरा के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने की है. उन्होंने कहा कि यह नेटवर्क भारत की राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनता जा रहा है. इस रैकेट के खिलाफ पुलिस और कई केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त जांच चल रही है.

इस मामले में सामने आया है कि आगरा से दो बहनें जिनकी उम्र 33 और 18 वर्ष है लापता हो गईं. इनकी खोज के दौरान, पिछले सप्ताह छह राज्यों से 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया. जांच में यह सामने आया कि इस रैकेट के तार दिल्ली निवासी अब्दुल रहमान और गोवा की आयशा से जुड़े हैं. अब्दुल रहमान ने 1990 में इस्लाम धर्म अपनाया था और उसी के बाद से इस रैकेट का विस्तार शुरू हुआ.

एके-47 के साथ तस्वीर का खुलासा

जांच में पाया गया कि यह गिरोह सोशल मीडिया के जरिए लड़कियों को बहलाकर उनका ब्रेनवॉश करता था. इतना ही नहीं, इनमें से एक महिला ने एके-47 राइफल के साथ सोशल मीडिया पर तस्वीर भी साझा की थी, जिससे इस नेटवर्क की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है.

इन जगहों तक फैला इनका जाल

गिरोह का जाल उत्तराखंड के देहरादून, उत्तर प्रदेश के बरेली, अलीगढ़ और रायबरेली, और हरियाणा के झज्जर और रोहतक जैसे शहरों तक फैला हुआ था. इन सभी जगहों से कई लड़कियों को इस गिरोह के चंगुल से मुक्त कराया गया है.

नेटवर्क का मास्टरमाइंड

इस नेटवर्क का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है छांगुर, जिसके कई ठिकानों पर पुलिस और प्रवर्तन निदेशालय ने 17 जुलाई को छापेमारी की. उसकी दुकान से जो दस्तावेज बरामद हुए हैं, उनमें स्विट्जरलैंड के ज्यूरिक स्थित हबीब बैंक के कागजात भी शामिल हैं. इससे अंतरराष्ट्रीय फंडिंग और विदेशी संपर्कों की आशंका और गहरा गई है.

धर्मांतरण का यह रैकेट 

ईडी अब इस बात की तह में जा रही है कि धर्मांतरण का यह रैकेट किन-किन अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ा हुआ है. जांच एजेंसियां विदेशी फंडिंग, हवाला लेनदेन और कट्टरपंथी संगठनों के बीच संभावित संबंधों को खंगालने में लगी हैं.