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India Daily

मोहर्रम से पहले राजा भैया के पिता को घर में किया नजरबंद, भारी पुलिस बल तैनात

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में मोहर्रम से पहले भदरी नरेश राजा उदय प्रताप सिंह को पुलिस ने शनिवार सुबह 5 बजे से रविवार रात 9 बजे तक हाउस अरेस्ट कर दिया. एसडीएम के आदेश पर शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भदरी महल पर नोटिस चस्पा कर पुलिस तैनात की गई.

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Edited By: Princy Sharma
Raja Bhaiya father
Courtesy: Social Media

उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में मोहर्रम से पहले एक बार फिर भदरी नरेश राजा उदय प्रताप सिंह, जो पूर्व कैबिनेट मंत्री और जनसत्तादल लोकतांत्रिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजा भैया के पिता हैं को पुलिस ने हाउस अरेस्ट कर दिया है. शनिवार तड़के सुबह 5 बजे से लेकर रविवार रात 9 बजे तक उन्हें और उनके 12 सहयोगियों को नजरबंद किया गया है.

पुलिस ने भोर में ही भदरी महल के मुख्य गेट पर नजरबंदी का नोटिस चस्पा कर दिया और पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया. एसडीएम कुंडा वाचस्पति सिंह के आदेश पर यह कार्रवाई की गई है ताकि मोहर्रम के दिन किसी तरह की शांति भंग न हो.

2015 से चल रहा है मामला

दरअसल, यह मामला 2015 से चला आ रहा है, जब मोहर्रम के दिन शेखपुर आशिक गांव के बजरंगबली मंदिर पर हनुमान चालीसा पाठ और भंडारे का आयोजन किया गया था, जिसे मुस्लिम समुदाय ने विरोध के चलते रोक दिया था. तब से प्रशासन हर साल राजा उदय प्रताप सिंह को मोहर्रम के मौके पर नजरबंद करता आ रहा है ताकि वे मंदिर न पहुंच सकें.

12 अन्य लोगों हाउस अरेस्ट

इस बार भी उनके साथ जिन 12 अन्य लोगों को हाउस अरेस्ट किया गया है, उनमें जितेंद्र यादव, आनंद पाल, रमाकांत, रवि सिंह (कुंडा बार अध्यक्ष), वरिष्ठ अधिवक्ता हनुमान प्रसाद पांडेय और अन्य लोग शामिल हैं. एएसपी संजय राय ने रविवार को शांति व्यवस्था को लेकर दूसरे जनपदों से आए पुलिस और पीएसी के जवानों को गजराजा प्लाजा में ब्रीफ किया और उन्हें सख्त निर्देश दिए कि किसी भी स्थिति में कानून-व्यवस्था न बिगड़े.

12 घंटे के लिए किया नजरबंद

इस बार प्रशासन ने पहले से 12 घंटे ज्यादा समय के लिए नजरबंद किया है, जबकि बीते वर्षों में उन्हें सिर्फ मोहर्रम की पूर्व संध्या से लेकर अगले दिन सुबह तक ही रोका जाता था. इस बदलाव को लेकर स्थानीय लोगों में चर्चा का विषय बना हुआ है. SDM कुंडा वाचस्पति सिंह ने साफ किया कि यह कदम शांति बनाए रखने और संभावित विवाद से बचने के लिए उठाया गया है ताकि त्योहार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो सके.