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वजन घटाने वाले कोच ने प्रोटीन के बारे में बताई सच्चाई, आपके लिए होगा फायदेमंद

आजकल बाजार में तरह-तरह के प्रोटीन सप्लीमेंट्स मिलते हैं – बार्स, शेक्स, पाउडर वगैरह. इनमें कुछ पोषक तत्व तो होते हैं, लेकिन इनका असर उस प्राकृतिक प्रोटीन के जैसा नहीं होता जो हमें अंडा, मछली, या ग्रिल्ड चिकन जैसी असली चीज़ों से मिलता है.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Weight loss
Courtesy: Social Media

आज की दौड़ती-भागती जिंदगी में लोग अक्सर हेल्दी खाने की बजाय जल्दी और आसान विकल्प जैसे प्रोटीन पाउडर और बार्स को चुनते हैं. लेकिन उम्र के 40 के बाद केवल प्रोटीन से काम नहीं चलता. इस उम्र में शरीर को फाइबर की भी सख्त जरूरत होती है ताकि ब्लड शुगर संतुलित रहे, हार्मोन ठीक काम करें और फैट बर्निंग प्रक्रिया सही तरीके से चले. हेल्दी रहने के लिए हमें फाइबर और प्रोटीन दोनों को साथ मिलाकर अपने आहार में शामिल करना चाहिए.

जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे हमारे शरीर की ज़रूरतें भी बदलती हैं. 40 की उम्र के बाद शरीर न सिर्फ धीरे-धीरे मेटाबॉलिज़्म को धीमा करना शुरू कर देता है, बल्कि हार्मोनल बदलाव भी महसूस होने लगते हैं. ऐसे में बहुत से लोग फिट रहने के लिए प्रोटीन बार्स और पाउडर जैसे त्वरित विकल्पों की ओर मुड़ जाते हैं. लेकिन क्या ये विकल्प वाकई हमारी ज़रूरतों को पूरा करते हैं? विशेषज्ञों की मानें तो नहीं. 40 की उम्र के बाद सिर्फ प्रोटीन पर भरोसा करना काफी नहीं है.

 प्रोटीन बार्स से नहीं मिलेगा पूरा पोषण
आजकल बाजार में तरह-तरह के प्रोटीन सप्लीमेंट्स मिलते हैं – बार्स, शेक्स, पाउडर वगैरह. इनमें कुछ पोषक तत्व तो होते हैं, लेकिन इनका असर उस प्राकृतिक प्रोटीन के जैसा नहीं होता जो हमें अंडा, मछली, या ग्रिल्ड चिकन जैसी असली चीज़ों से मिलता है. एक ग्रिल्ड चिकन ब्रेस्ट खाने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है और ब्लड शुगर भी स्थिर रहता है, जबकि मीठे प्रोटीन बार्स ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकते हैं और थोड़ी देर बाद फिर से भूख लग सकती है. इसलिए इन्हें पूरी तरह त्यागने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी ज़रूरी है.

फाइबर की अनदेखी पड़ सकती है भारी
40 की उम्र के बाद शरीर की पाचन क्रिया धीमी हो जाती है. इस समय फाइबर का सेवन बेहद अहम हो जाता है. फाइबर न सिर्फ पेट को साफ रखने में मदद करता है, बल्कि यह ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने, हार्मोन संतुलन बनाए रखने और लंबे समय तक तृप्ति बनाए रखने में भी मदद करता है. खासतौर पर नाश्ते में यदि फाइबर को नजरअंदाज किया जाए तो दिनभर भूख और थकान का अहसास हो सकता है. इसलिए कोशिश करें कि सुबह के भोजन में दालें, फल, सब्ज़ियां या ओट्स जैसे फाइबर युक्त चीज़ें शामिल हों.

प्रोटीन और फाइबर की जोड़ी: एक हेल्दी दिन की शुरुआत
जब आप दिन की शुरुआत प्रोटीन और फाइबर दोनों के साथ करते हैं, तो शरीर फैट बर्निंग मोड में चला जाता है. उदाहरण के तौर पर, एक हेल्दी ब्रेकफास्ट जिसमें उबले अंडे के साथ ओट्स या साबुत अनाज की ब्रेड हो, वह आपकी ऊर्जा को दिनभर बनाए रखता है और अनहेल्दी स्नैक्स की तलब को कम करता है. यह जोड़ी न सिर्फ वजन को नियंत्रित रखने में मदद करती है, बल्कि यह हार्ट और हॉर्मोनल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होती है. इसलिए जरूरी है कि आप अपने रोज़मर्रा के आहार में दोनों को बराबर महत्व दें.