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क्या अखिलेश यादव को निशाना बना रही है पुलिस? वायरल स्टेटस ने मचाया बवाल, 6 सिपाही सस्पेंड

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले में राजनीतिक माहौल उस समय गरमा गया जब शिकोहाबाद थाने में तैनात एक पुलिसकर्मी ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ अपने व्हाट्सएप स्टेटस पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी. यह टिप्पणी व्यक्तिगत राय तक सीमित नहीं रही, बल्कि अन्य पुलिसकर्मियों द्वारा भी साझा की गई, जिससे यह वायरल हो गई. इस घटना के सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों और समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया.

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Edited By: Kuldeep Sharma
akhilesh yadav
Courtesy: WEB

फिरोजाबाद में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ एक सिपाही द्वारा डाला गया आपत्तिजनक व्हाट्सएप स्टेटस वायरल हो गया, जिससे विवाद खड़ा हो गया है. जांच में दोषी पाए गए छह पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है, जबकि अन्य पुलिसकर्मियों पर भी कार्रवाई की संभावना हैसपा के जिला अध्यक्ष शिवराज सिंह यादव ने इस घटना की गंभीरता को देखते हुए फिरोजाबाद के एसएसपी सौरभ दीक्षित से मुलाकात की और आरोपी सिपाही प्रदीप ठाकुर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि आरोपी पहले एसपी देहात के साथ भी तैनात रह चुका है और इस हरकत से पार्टी की छवि को ठेस पहुंची है. एसएसपी ने तत्परता दिखाते हुए मामले की जांच सीओ सदर चंचल त्यागी को सौंपी और 24 घंटे में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.

छह पुलिसकर्मी किए गए निलंबित

जांच अधिकारी चंचल त्यागी ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी, जिसमें सिपाही प्रदीप ठाकुर के साथ-साथ पांच अन्य पुलिसकर्मियों को भी इस विवाद में संलिप्त पाया गया. आरोपियों में मुख्य आरक्षी कुलदीप, आरक्षी राहुल, अमित, अरुण और सौरभ शामिल हैं. इन सभी ने या तो स्टेटस को आगे बढ़ाया या उस पर टिप्पणी की. सभी को तत्काल निलंबित कर दिया गया है.

सभी सस्पेंड सिपाही अयोध्या ड्यूटी पर थे तैनात

एसएसपी ने बताया कि सभी निलंबित पुलिसकर्मी वर्तमान में अयोध्या में ड्यूटी पर तैनात थे और उनमें से कुछ थाना नारखी, कुछ थाना शिकोहाबाद और कुछ पुलिस कार्यालय फिरोजाबाद से जुड़े हुए हैं. पुलिस विभाग ने बिना किसी देरी के सख्त कार्रवाई की, जिससे यह संदेश गया कि अनुशासनहीनता और राजनीतिक टिप्पणी जैसी हरकतें कतई बर्दाश्त नहीं की जाएंगी.

अन्य पुलिसकर्मियों पर भी जांच जारी

जांच में सामने आया है कि वायरल स्टेटस को कुछ अन्य सिपाहियों ने भी शेयर किया था या उस पर प्रतिक्रिया दी थी. इनकी पहचान कर ली गई है और इनके खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी हो रही है. पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि किसी भी राजनीतिक, धार्मिक या व्यक्तिगत टिप्पणी को सार्वजनिक मंच पर साझा करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही, सभी पुलिसकर्मियों को सोशल मीडिया पर संयम और मर्यादा बनाए रखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं.