Amritsar ISI Agents: अमृतसर पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई करते हुए एक जासूसी रैकेट का पर्दाफाश किया है. पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि दो संदिग्ध—गुरप्रीत सिंह उर्फ गोपी फौजी (35) और रविंदर शर्मा (29)—को ISI के एजेंटों से सीधा सम्पर्क रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. दोनों को पासपोर्ट व अन्य विदेशी दस्तावेज बनाने के शक में पहले भी नोटिस किया जा चुका था.
प्रारंभिक पूछताछ में गुरप्रीत ने कबूला कि वह पाकिस्तान स्थित ISI के हैंडलर राणा जावेद से प्रत्यक्ष संपर्क में था. डीजीपी यादव के हवाले से, 'गुरप्रीत सिंह पेनड्राइव के जरिए गोपनीय और संवेदनशील सूचनाएं साझा कर रहा था, जिसे हम जल्द ही फॉरेंसिक जांच में प्रमाणित करेंगे.'
पुलिस ने गुरप्रीत के कब्जे से दो पेनड्राइवस जब्त की हैं जिनमें सरकारी कम्प्यूटर्स के सिक्योरिटी प्रोटोकॉल, अमृतसर रियायती इलाकों का मानचित्र और पुलिस इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स मौजूद थीं. अभियुक्तों के पास से दो स्मार्टफोन जब्त किए गए हैं, जिनमें से एक में व्हाट्सएप चैट्स में ISI एजेंटों से सीधे ऑडियो कॉल रिकॉर्ड भी मिले. डीजीपी यादव ने बताया, 'इन मोबाइलों को साइबर विंग और फॉरेंसिक लैब भेजा जा चुका है, ताकि इनके माध्यम से भेजी गई जानकारियों का पूरा ट्रेल हाथ लगे.'
पुलिस अब इस मामले को एक बड़े जासूसी-आतंकी नेटवर्क से जोड़कर देख रही है. रेड ब्रिगेड के चीफ ने कहा, 'राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता की सुरक्षा के लिए हम किसी भी देशविरोधी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेंगे. नेटवर्क से जुड़े सभी सहयोगियों की पहचान कर कठोर कार्रवाई होगी.' अमृतसर रुरल पुलिस ने कहा है कि अब तक करीब 10 कनेक्शनों की पड़ताल की गई है, जबकि आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं.
पंजाब पुलिस मुख्यालय ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी अज्ञात व्यक्ति द्वारा मांगी जा रही संवेदनशील सूचनाएं न दें. डीजीपी यादव ने अंतिम रूप से कहा, 'हमारा संदेश साफ है: जो भी व्यक्ति देशद्रोह या जासूसी में लिप्त पाया जाएगा, वह कानून के कटघरे में खड़ा होगा.'