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Land Pooling Policy 2025: पंजाब सरकार का ऐतिहासिक फैसला, लैंड पूलिंग पॉलिसी वापस, सीएम मान ने कहा-किसानों का सम्मान सर्वोपरि

मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी 2025 को वापस लेने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. यह फैसला किसानों की भावनाओं, उनकी चिंताओं और उनकी सहमति को सम्मान देने का प्रतीक है.

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Edited By: Garima Singh
Land Pooling Policy 2025
Courtesy: X

Land Pooling Policy 2025: मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी 2025 को वापस लेने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है. यह फैसला किसानों की भावनाओं, उनकी चिंताओं और उनकी सहमति को सम्मान देने का प्रतीक है. पंजाब सरकार ने साफ़ कर दिया है कि विकास का असली अर्थ तभी है, जब उसमें किसानों की खुशी और संतुष्टि शामिल हो.

आम आदमी पार्टी की सरकार शुरू से ही किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध रही है. चाहे वह कर्जमाफी हो, फसलों के लिए उचित मूल्य की मांग हो, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार हो या बिजली बिलों में राहत, हर कदम पर किसानों का हित सर्वोपरि रहा है. सरकार ने हमेशा यह सुनिश्चित किया है कि किसानों को न केवल आर्थिक सहायता मिले, बल्कि उनकी मेहनत और जमीन का सम्मान भी हो. इसी सोच के तहत 'लैंड पूलिंग पॉलिसी 2025' को लागू करने की योजना बनाई गई थी, जिसका उद्देश्य किसानों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करना और उनकी जमीन के मूल्य को बढ़ाना था.

लैंड पूलिंग पॉलिसी: क्यों लिया गया वापसी का फैसला?

लैंड पूलिंग पॉलिसी का मकसद किसानों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ते हुए उनकी जमीन का मूल्य कई गुना बढ़ाना था. हालांकि, जब किसानों ने इस नीति को लेकर असहमति और चिंता जताई, तो सरकार ने उनकी आवाज को गंभीरता से सुना. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने साफ किया कि अगर कोई नीति किसानों के हितों के खिलाफ जाती है या उनकी सहमति के बिना लागू होती है, तो वह जनहित और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है. सरकार ने अपने बयान में कहा, “पंजाब का हर किसान निश्चिंत रहे, उसकी जमीन, उसका हक और उसकी मेहनत की कमाई पूरी तरह सुरक्षित है.''

किसानों के साथ अटूट विश्वास का रिश्ता

यह फैसला केवल एक नीति की वापसी नहीं है, बल्कि किसानों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और सम्मान का प्रतीक है. पंजाब सरकार ने दिखाया कि किसान उनके लिए केवल मतदाता नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा हैं. “जब परिवार का कोई सदस्य असंतुष्ट हो, तो उसकी बात सुनकर फैसला बदलना ही सच्ची सेवा और संवेदनशील नेतृत्व की पहचान है,” सरकार के इस कदम ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया. यह निर्णय पंजाब की मिट्टी, मेहनत और मान की रक्षा करने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

पंजाब की असली पहचान: किसानों की खुशहाली

पंजाब सरकार का यह कदम न केवल किसानों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि पंजाबियत की असली ताकत किसानों की खुशहाली में निहित है. “किसानों की खुशहाली ही पंजाब की खुशहाली है,” यह मान सरकार का सबसे बड़ा लक्ष्य है. इस फैसले से किसानों को यह भरोसा मिला है कि उनकी जमीन और उनके हक हमेशा सुरक्षित रहेंगे. सरकार ने वादा किया है कि भविष्य में कोई भी योजना बिना किसानों की सहमति और भागीदारी के लागू नहीं की जाएगी.