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India Daily

114 वर्षीय मैराथन धावक फौजा सिंह का सड़क हादसे में निधन, खेल जगत में शोक की लहर

फौजा सिंह का जन्म 1 अप्रैल, 1911 को हुआ था. वह पांच साल की उम्र तक चल नहीं पाते थे. उन्होंने 89 साल की उम्र में पहली बार मैराथन दौड़ में हिस्सा लिया था.

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Edited By: Sagar Bhardwaj
114-year-old marathon runner Fauja Singh dies in a road accident

पंजाब और यूके के प्रसिद्ध मैराथन धावक, 114 वर्षीय फौजा सिंह का सोमवार शाम जालंधर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. जानकारी के अनुसार, दोपहर करीब 3:30 बजे अपने गांव ब्यास में सड़क पार करते समय एक अज्ञात वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी. उन्होंने अस्पताल ले जाया गया, लेकिन वहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. इस हादसे ने खेल जगत और उनके प्रशंसकों को गहरे सदमे में डाल दिया.

"मेरा टर्बनड टॉरनेडो अब नहीं रहा"

चंडीगढ़ के लेखक खुशवंत सिंह, जिन्होंने फौजा सिंह की जीवनी 'टर्बनड टॉरनेडो' लिखी, ने फेसबुक पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, “मेरा टर्बनड टॉरनेडो अब नहीं रहा.” उन्होंने एक वीडियो श्रद्धांजलि भी साझा की. पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा, “यह हृदयविदारक है कि उन्होंने आज एक दुखद सड़क हादसे में अपनी जान गंवा दी.” 

 89 की उम्र में शुरू की मैराथन दौड़

फौजा सिंह का जन्म 1 अप्रैल, 1911 को हुआ था. उनकी जीवनी के अनुसार, वह पांच साल की उम्र तक चल नहीं पाते थे. भारत के बंटवारे ने उनके जीवन को प्रभावित किया, और परिवार के कई सदस्यों की दुर्घटनाओं में मृत्यु के बाद, उन्होंने अवसाद से उबरने के लिए दौड़ना शुरू किया. 1990 के दशक में अपने बेटे के साथ इंग्लैंड चले गए और 89 साल की उम्र में मैराथन दौड़ में हिस्सा लिया.  

प्रेरणा का अमर प्रकाश

राज्यपाल कटारिया ने कहा, “114 साल की उम्र में भी, उन्होंने अपनी ताकत और समर्पण से पीढ़ियों को प्रेरित किया.” उनकी विरासत नशा-मुक्त और स्वस्थ पंजाब के लिए प्रेरणा देती रहेगी. अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज ने कहा, “सरदार फौजा सिंह एक जीवंत सिख थे, जिन्होंने सिख पहचान और पगड़ी को वैश्विक सम्मान दिलाया.”  

जीवन से सीख

उन्होंने कहा, “सरदार फौजा सिंह ने हमेशा गुरबानी के उपदेशों का पालन किया: ‘आगे देखो; पीछे मुंह न मोड़ो...’” पंजाब के हर युवा को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए.