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India Daily

Video: तेज बारिश से बह गई सड़क तो 2 हीरो ने पीठ को बना डाला पुल; पार कराए स्कूली बच्चे

पंजाब के मोगा जिले के मल्लेआना गांव में बाढ़ के पानी में फंसे स्कूल बच्चों को बचाने के लिए गांववालों ने मानव सेतु बनाया. दो पुरुषों ने एक-दूसरे के ऊपर झुककर बच्चों को अपने पीठ पर उठाया और उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.

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Edited By: Princy Sharma
Punjab Rain Video Viral
Courtesy: X

Punjab Rain Video Viral: पंजाब के मोगा जिले में एक दिल को छूने वाली घटना सामने आई है. यहां बाढ़ के कारण मुख्य सड़क बह जाने के बाद, गांव के निवासियों ने स्कूल के बच्चों को बाढ़ के पानी से सुरक्षित निकालने के लिए मानव सेतु बना दिया. यह घटना बुधवार को मल्लेआना गांव में घटी, जो चंडीगढ़ से करीब 160 किमी दूर स्थित है.

बाढ़ के पानी में डूबे हुए दो पुरुषों ने एक-दूसरे के ऊपर झुककर एक ब्रिज बनाया और बच्चों को उनके पीठ पर चढ़ाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. दोनों पुरुषों ने बच्चों के बैग भी एक मानव श्रृंखला के जरिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाए. ये अद्भुत वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और देखते ही देखते ये लोग इंटरनेट के सितारे बन गए.

'यह हमारी आदत है...'

जब इस बारे में सुकविंदर से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा, 'हम गांववाले हैं, यह हमारे लिए सामान्य बात है. किसी ने वीडियो बना लिया और वो बाहर तक पहुंच गया.' बुधवार सुबह जब मल्लेआना गांव के बच्चे स्कूल जाने के लिए बस में बैठे थे, तो उसी दिन दोपहर तक बारिश के कारण बाढ़ का पानी उनकी सड़क को बहा ले गया. मल्लेआना और रसूलपुर गांवों के बीच की मुख्य सड़क बाढ़ के पानी के कारण 8 फीट गहरी हो गई थी, जिससे गांव का संपर्क कट गया.

बच्चों की मदद के लिए उठाया कदम

सुकविंदर और अन्य लोग बाढ़ के पानी को रोकने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पानी लगातार बढ़ रहा था. तभी उन्होंने देखा कि बच्चों को दूसरी ओर जाने में मुश्किल हो रही है, तो सुकविंदर और एक अन्य व्यक्ति ने तुरंत मानव सेतु बना दिया. बच्चों को उनके पीठ पर चढ़ाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया.

सुकविंदर ने कहा, 'जब हमने देखा कि बच्चे और शिक्षक परेशान हो रहे थे, तो हमने उनकी मदद करने का फैसला किया. हमने बस एक सेतु बना दिया ताकि बच्चे बिना किसी डर के उस पर चल सकें और सुरक्षित स्थान तक पहुंच सकें. यह कोई बड़ी बात नहीं है, बस यही हमारी आदत है.'