Railway Station Suicide Case: बल्लभगढ़ में मंगलवार दोपहर एक दिल दहलाने वाली घटना ने सभी को हैरान कर दिया है. 36 साल के मनोज मेहतो ने अपने चार बेटों—3 से 9 साल की उम्र के—के साथ रेलवे ट्रैक पर जान दे दी. स्वर्ण मंदिर एक्सप्रेस ने दोपहर 1.10 बजे पांचों को कुचल दिया. वहां मैजूद लोगों के अनुसार, मनोज ने बच्चों को बाहों में जकड़ रखा था. बच्चे ट्रेन को आते देख चिल्ला रहे थे और छोड़ने की गुहार लगा रहे थे, लेकिन मनोज ने उन्हें नहीं छोड़ा. यह दृश्य देखकर लोग सन्न रह गए.
बिहार के मूल निवासी मनोज ने सुभाष कॉलोनी में अपनी पत्नी प्रिया से कहा कि वह बच्चों को पार्क ले जा रहा है. दोपहर 12.15 बजे घर से निकलने के बाद वह बच्चों को एलसन चौक फ्लाईओवर के नीचे ले गया. वहां उसने बच्चों के लिए चिप्स और कोला खरीदा और करीब एक घंटे तक ट्रेन का इंतजार किया.
घटना के बाद लोको पायलट ने बल्लभगढ़ स्टेशन पर सूचना दी. पुलिस ने मनोज की जेब से आधार कार्ड और पत्नी का नंबर लिखा एक कागज बरामद किया. सरकारी रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एसएचओ राजपाल ने बताया कि यह कदम सोच-समझकर उठाया गया लगता है.
प्रिया को जब मौके पर बुलाया गया, तो उसने बताया कि मनोज बच्चों को पार्क ले जाने की बात कहकर निकला था. शव देखकर वह बेहोश हो गई. पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए बादशाह खान सिविल अस्पताल भेजा.
पुलिस को शक है कि मनोज की शादी में परेशानियां थीं. एक अधिकारी ने कहा, 'हम मनोज की मानसिक स्थिति और परिस्थितियों की जांच कर रहे हैं.' हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि वैवाहिक समस्याएं इस घटना का कारण थीं या नहीं. शुरुआत में पुलिस को खबर मिली कि एक महिला और उसके बच्चे ट्रेन के आगे कूद गए. मौके पर पहुँचने पर सच्चाई सामने आई कि यह मनोज और उसके बेटों की घटना थी.
पुलिस ने कहा कि उनकी प्राथमिकता मनोज के इस कदम के पीछे की वजह जानना और शोकग्रस्त परिवार की मदद करना है. इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी. लोग सदमे में हैं कि एक पिता ने अपने मासूम बच्चों के साथ ऐसा कदम क्यों उठाया.