अगर आपका भी विदेश जाकर पढ़ाई करने का सपना है तो आपके लिए हम लेकर एक बहुत जरुरी जानकारी. इन दिनों आप सुन रहे होंगे छात्र वीजा को लेकर अमिरेका ने कई नियमों में बदलाव किए हैं. यही वजह है कि अब छात्रों को परेशानी हो रही है. विदेश में पढ़ाई का सपना संजोए भारतीय छात्रों के लिए अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में मौजूदा हालात मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं. अमेरिका में टाइट वीजा नियम, यूके में स्ट्रिक्ट इमिग्रेशन पॉलिसी और कनाडा में सीमित पीआर विकल्पों के चलते अब छात्र ऑस्ट्रेलिया की ओर रुख कर रहे हैं.
यह देश अब भारतीय छात्रों के लिए नया भरोसेमंद हब बनता जा रहा है. ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई के लिए सबसे पहले किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से ऑफर लेटर पाना जरूरी है. इसमें कोर्स डिटेल, फीस और शर्तें होती हैं. इसे ध्यान से पढ़कर स्वीकार करना होता है.
Confirmation of Enrolment (CoE) एक आधिकारिक दस्तावेज होता है जो यूनिवर्सिटी द्वारा ऑफर स्वीकारने और फीस जमा करने के बाद जारी किया जाता है. वीजा आवेदन में इसकी कॉपी देना अनिवार्य है.
ऑस्ट्रेलिया में पढ़ाई अंग्रेजी में होती है, इसलिए IELTS जैसे टेस्ट का स्कोर वीजा आवेदन में जोड़ना जरूरी होता है.
छात्रों को यह साबित करना होता है कि वे वास्तव में पढ़ाई के लिए ही ऑस्ट्रेलिया जाना चाहते हैं. इसके लिए करियर प्लान, कोर्स का चुनाव और फंडिंग को लेकर स्पष्ट उत्तर देने होते हैं.
कम से कम 29,710 ऑस्ट्रेलियन डॉलर दिखाना अनिवार्य होता है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि छात्र पढ़ाई, ट्रैवल और रहन-सहन का खर्च उठा सकता है.
ऑस्ट्रेलिया में पढ़ने वाले छात्रों के लिए Overseas Student Health Cover (OSHC) लेना जरूरी है. इसके साथ-साथ वीजा से पहले मेडिकल चेकअप भी करवाना पड़ता है.
छात्र को यह भी साबित करना होता है कि उसका आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. इसके लिए पुलिस वैरिफिकेशन या कैरेक्टर सर्टिफिकेट मांगा जा सकता है.
ऑस्ट्रेलियन इमिग्रेशन डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर ImmiAccount बनाकर स्टूडेंट वीजा के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है.
वीजा आवेदन के बाद छात्रों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा. सफल होने पर कुछ हफ्तों में वीजा जारी हो जाता है और छात्र ऑस्ट्रेलिया जाने की तैयारी कर सकते हैं.