Video: शुक्रवार को जौनपुर जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जब सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र राजभर पर उनके पूर्व साथी बृजेश राजभर ने हमला कर दिया. यह घटना एक भूमि पूजन समारोह और महाराजा सुहेलदेव के विजय दिवस के उत्सव के दौरान हुई. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसमें बृजेश को महेंद्र को माला पहनाते और फिर उन पर थप्पड़ बरसाते देखा गया.
महेंद्र राजभर ने बताया कि वह जौनपुर के जलालपुर थाना क्षेत्र में आयोजित भूमि पूजन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए थे. कार्यक्रम के अंत में जब उनकी बारी बोलने की आई, तब बृजेश राजभर ने पहले उन्हें माला पहनाई और फिर अचानक उन पर हमला कर दिया. महेंद्र ने इस घटना के बाद पुलिस में बृजेश के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज की है.
जौनपुर में महेन्द्र राजभर के साथ ये बहुत गलत हुआ।
— Prateek Yadav (Journalist) (@prateek_ky) June 10, 2025
पहले माला पहनाकर सम्मान हुआ फिर उसी सम्मान करने वाले हाथ से उन्हें थप्पड़ मारे गए।
बड़े-बूढ़े आदमी हैं, ऐसा नहीं करना चाहिए था।
pic.twitter.com/5AO4G2yxx5
महेंद्र ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मैं कार्यक्रम में मुख्य अतिथि था. जब मैं बोलने के लिए तैयार हुआ, बृजेश ने मुझे माला पहनाई और फिर कई थप्पड़ मारे." उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बृजेश ने यह हमला योगी आदित्यनाथ सरकार में मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओम प्रकाश राजभर के इशारे पर किया.
बृजेश राजभर का जवाब
दूसरी ओर, बृजेश राजभर ने महेंद्र के सभी आरोपों को खारिज कर दिया है. उनका कहना है कि वह महाराजा सुहेलदेव के विजय दिवस के उत्सव में शामिल थे, जब महेंद्र वहां पहुंचे. बृजेश ने आरोप लगाया कि महेंद्र ने समाजवादी पार्टी से फंडिंग ली और कार्यक्रम के दौरान उनकी बेइज्जती की. बृजेश ने कहा, "हम लोग विजय दिवस मना रहे थे. महेंद्र ने वहां आकर मुझ पर गलत आरोप लगाए और मुझे अपशब्द कहे, जिसके बाद यह घटना हुई."
दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप
महेंद्र राजभर ने बृजेश के इन आरोपों को पूरी तरह से झूठा बताया है. उन्होंने कहा कि वह किसी भी तरह की गलत गतिविधि में शामिल नहीं हैं और बृजेश ने जानबूझकर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की. इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा है, बल्कि राजनीतिक हलकों में भी चर्चा का विषय बन गया है.
पुलिस जांच शुरू
महेंद्र की शिकायत के बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है. वायरल वीडियो को भी सबूत के तौर पर देखा जा रहा है. यह घटना जौनपुर में राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकती है, क्योंकि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं. इस घटना ने एक बार फिर राजनीति में व्यक्तिगत विवादों और हिंसा की प्रवृत्ति पर सवाल खड़े किए हैं. अब यह देखना बाकी है कि पुलिस की जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और इस मामले का क्या नतीजा निकलता है.