दिल्ली के रोहिणी स्थित बाबा साहेब अंबेडकर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर पर क्रूर हमला हुआ है. यह घटना 9 जून को दोपहर करीब 2 बजे हुई, जब एक गंभीर रूप से बीमार नवजात की मौत के बाद मरीज की कुछ महिला परिचारकों ने डॉक्टर पर हमला कर दिया. इस घटना ने चिकित्सा समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है.
दिल्ली पुलिस के अनुसार, प्रसूति और स्त्री रोग विभाग की एक रेजिडेंट डॉक्टर पर यह हमला तब हुआ, जब वह ओपीडी से वार्ड नंबर 12 की ओर जा रही थीं. हमलावर, जो वार्ड नंबर 11 में भर्ती मरीज सोनिया की परिचारक थीं, ने डॉक्टर को गलियारे में रोका और उन पर शारीरिक हमला कर दिया. पुलिस के मुताबिक, सोनिया ने एक सप्ताह पहले एक बच्चे को जन्म दिया था, जो गंभीर हालत में था और वेंटिलेटर पर था. सोमवार सुबह सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) के बावजूद नवजात की मौत हो गई. सोनिया अभी भी अस्पताल में भर्ती है और उसका इलाज चल रहा है.
प्रत्यक्षदर्शियों और अस्पताल अधिकारियों के अनुसार, हमलावरों ने डॉक्टर के बाल खींचे, उनके कपड़े फाड़ने की कोशिश की और कथित तौर पर स्टेथोस्कोप से उनका गला घोंटने की कोशिश की. इस हमले में डॉक्टर को कई चोटें आईं, जिनका इलाज बाद में अस्पताल में ही किया गया. इस घटना ने न केवल डॉक्टर को शारीरिक रूप से चोट पहुंचाई, बल्कि चिकित्सा समुदाय में डर और असुरक्षा की भावना भी पैदा की है.
दिल्ली पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज की है. रोहिणी के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस अमित गोयल ने बताया कि हमलावर चार से पांच महिलाएं थीं. हालांकि, सभी आरोपियों को गिरफ्तारी के तुरंत बाद जमानत दे दी गई, जिसकी चिकित्सा समुदाय ने कड़ी आलोचना की है. डॉक्टरों का कहना है कि इतने गंभीर मामले में त्वरित जमानत से गलत संदेश जाता है.
इस हमले के विरोध में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (DMA) ने 11 जून को "ब्लैक डे" घोषित किया है. डीएमए के एक अधिकारी ने कहा, "सभी अस्पतालों में डॉक्टर अपनी शिफ्ट के दौरान काली पट्टी बांधेंगे. अस्पताल प्रशासन ने FIR दर्ज की, लेकिन आरोपियों को तुरंत जमानत मिल गई. आज भारतीय मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की एक टीम पीड़ित डॉक्टर से मिलेगी और आगे की कार्रवाई पर फैसला लेगी."