Delhi heist News: दिल्ली के वजीराबाद इलाके में एक ऐसा हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जो बिल्कुल बॉलीवुड फिल्म 'स्पेशल 26' की स्क्रिप्ट जैसा लग रहा था. लेकिन फर्क इतना था कि इस बार पर्दे पर नहीं, हकीकत में तीन ठगों ने CBI अफसर बनकर एक घर में लूट की वारदात को अंजाम दिया. हालांकि दिल्ली पुलिस की तेज और तगड़ी कार्रवाई ने इस फिल्मी ड्रामे का पटाक्षेप चंद दिनों में ही कर दिया.
यह घटना 10 जुलाई की शाम को हुई, जब तीन लोग सफेद शर्ट, काली पैंट और फेस मास्क पहनकर इसरत जमीला नाम की महिला के घर पहुंचे. खुद को CBI अफसर बताते हुए बोले कि उनके पास एफआईआर और सर्च वारंट है. लेकिन जब घरवालों ने कागज दिखाने को कहा, तो कोई जवाब नहीं मिला. इनमें से एक ने परिवार को एक कोने में बैठा दिया और बाकी दो लोगों ने अलमारी तोड़कर करीब 3 लाख रुपये नकद और सोने-चांदी के जेवरात लूट लिए. जब इसरत ने रसीद मांगी, तो एक आरोपी ने उसकी बेटी की नोटबुक में झूठा हस्ताक्षर कर दिया और वहां से फरार हो गए.
लूट के बाद इसरत को शक हुआ और उन्होंने तुरंत पुलिस को कॉल किया. मामला गंभीर था, इसलिए पुलिस ने एक स्पेशल टीम बनाई और इलाके के 200 से ज्यादा CCTV फुटेज खंगाले. वीडियो में दो संदिग्ध बाइक से भागते दिखे. बाइक एक महिला शाइना के नाम पर रजिस्टर्ड थी और जांच में पता चला कि वारदात के दिन बाइक चला रहा युवक केशव प्रसाद था.
तकनीकी निगरानी के जरिए पुलिस ने आरोपियों की लोकेशन हरिद्वार में पाई, लेकिन वहां पहुंचने तक वो लोग मसूरी भाग चुके थे. आखिरकार पुलिस ने शाइना और केशव को मसूरी से गिरफ्तार कर लिया और उनकी निशानदेही पर तीसरे साथी विवेक को हरिद्वार से पकड़ा गया.
पूछताछ में खुलासा हुआ कि शाइना इसरत की दूर की रिश्तेदार थी और उसे पता था कि घर में नकद और जेवर रखे जाते हैं. लालच में आकर उसने अपने दोस्त केशव को प्लान में शामिल किया, जिसने अपने पड़ोसी विवेक को भी जोड़ लिया. तीनों ने मिलकर फिल्मी अंदाज में CBI की नकल की और घर को निशाना बनाया.
पुलिस ने आरोपियों से 1.75 लाख रुपये नकद, सोने-चांदी के जेवर और नकली CBI अफसरों जैसी वर्दी व आईडी बरामद की है. अब तीनों आरोपी पुलिस हिरासत में हैं और जल्द ही कोर्ट में पेश किए जाएंगे.
इस पूरी वारदात में भले ही अपराधियों ने बॉलीवुड की स्टाइल में काम किया हो, लेकिन असली हीरो इस बार भी दिल्ली पुलिस ही बनी. तेज कार्रवाई और बेहतरीन टीमवर्क से उन्होंने साबित कर दिया कि फिल्मी कहानी हो या असली वारदात कानून के लंबे हाथ सबको पकड़ ही लेते हैं.