Monsoon Session 2025: 21 जुलाई 2025 से शुरु हो रहा संसद का मानसून सत्र जिसमें पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे हालिया घटनाक्रमों के बीच शुरू हो रहे इस सत्र के हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों अपनी रणनीतियों के साथ सक्रिय हो चुके हैं. इससे पहले रविवार, 20 जुलाई को संसद के सुचारू संचालन के लिए सरकार की ओर से एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें कुल 21 बैठकें निर्धारित हैं, यह सत्र 21 जुलाई से 21 अगस्त 2025 तक चलने वाला है. सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू सहित कई वरिष्ठ मंत्री सर्वदलीय बैठक में शामिल होंगे. विपक्ष की ओर से कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना यानी उद्धव गुट आम आदमी पार्टी और अन्य दलों के नेता मौजूद रहेंगे.
सरकार की कोशिश है कि सत्र के दौरान विधायी कार्य बाधित न हो और सभी दलों का सहयोग प्राप्त किया जा सके. वहीं विपक्ष, खासकर ‘इंडिया गठबंधन’ की मंशा है कि इस सत्र में सरकार को कड़े सवालों के घेरे में लिया जाए.
विपक्षी दल पहलगाम हमले को सुरक्षा एजेंसियों की विफलता बता रहे हैं. इंडिया गठबंधन की हालिया बैठक में उद्धव ठाकरे ने कहा कि अभी तक हमलावर आतंकियों को पकड़ा नहीं गया, जो इंटेलिजेंस की नाकामी है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी बैठक में जोर दिया कि सहमति वाले मुद्दों को एकजुट होकर संसद में उठाना चाहिए ताकि प्रधानमंत्री पर जवाब देने का दबाव बने.
राहुल गांधी ने भी विपक्षी एकता पर जोर देते हुए कहा कि अगर हम बिखरे रहे तो सत्ता पक्ष को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि सत्र शुरू होने से पहले सभी मुद्दों की प्राथमिकता तय कर, एकजुट रणनीति अपनानी चाहिए.
विपक्ष के निशाने पर ऑपरेशन सिंदूर, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के युद्धविराम मध्यस्थता संबंधी दावे, और बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर जारी सियासी विवाद जैसे विषय होंगे. वहीं सरकार इस सत्र में आयकर विधेयक-2025 समेत कई अहम विधेयकों को पारित कराने की कोशिश करेगी.